वाशिंगटन: अमेरिकी सीनेट द्वारा राष्ट्रीय सुरक्षा एजेंसी (एनएसए) के निगरानी विधेयक को कुछ परिवर्तनों के साथ मंजूरी देने के बाद अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा ने इस विधेयक पर हस्ताक्षर कर इसे कानून का रूप दिया।
समाचार एजेंसी ऐफे ने बुधवार को जारी रिपोर्ट में बताया, व्हाइट हाउस द्वारा जारी विज्ञप्ति के मुताबिक, ओबामा ने 'यूएसए फ्रीडम एक्ट' विधेयक पर हस्ताक्षर कर दिए हैं। इस विधेयक को 2001 में हुए 9/11 आतंकवादी हमले के बाद बनाए गए 'पेट्रियट एक्ट' के कुछ प्रावधानों में संशोधन के बाद तैयार किया गया है। पेट्रियट एक्ट में अमेरिकी नागरिकों के व्यापक फोन रिकॉर्ड जुटाने का प्रावधान था।
अमेरिका फोन कॉल्स पर निगरानी रखने की प्रक्रिया जारी रखेगा, लेकिन अमेरिकी नागरिकों के व्यापक फोन रिकॉर्ड सरकार नहीं जुटाएगी, बल्कि यह जिम्मेदारी अब टेलीफोन कंपनियां निभाएंगी। टेलीफोन कंपनियां सुरक्षा कारणों से कोई वारंट जारी होने पर ही प्रशासन को फोन कॉल रिकॉर्ड उपलब्ध कराएंगी।
इस विधेयक के पक्ष में 67 वोट पड़े, तो विपक्ष में 32 वोट पड़े। सीनेटरों द्वारा मंगलवार को इस विधेयक को अनुमति देने के साथ ही रिपब्लिकन के दो धड़ों के बीच पिछले दो सप्ताह से जारी विवाद खत्म हो गया।
एनएसए द्वारा अमेरिकी लोगों से जुड़ा व्यापक डाटा जुटाए जाने की बात का खुलासा विसिलब्लोअर एडवर्ड स्नोडेन ने दो साल पहले किया था। इस कानून के समाप्त होने के साथ ही देश में एनएसए और स्वतंत्रता और लोगों की निजता के बीच संतुलन पर बहस दोबारा से शुरू हो गई है।
कांग्रेस के ज्यादातर सदस्यों और स्वयं अमेरिकी के राष्ट्रपति ओबामा का मानना है कि पेट्रियट अधिनियम में हुए परिवर्तनों से आवश्यक संतुलन हासिल करने में कामयाबी मिलेगी।