वाशिंगटन: अमेरिकी राष्ट्रपति रिपब्लिकन बहुमत वाली प्रतिनिधि सभा से पारित उस विधेयक को वीटो कर सकते हैं, जो यदि पारित होकर कानून बन गया तो इससे 9/11 के पीडि़तों और उनके रिश्तेदारों को अन्य देशों की सरकारों पर अमेरिका के खिलाफ आतंकवाद का साथ देने के संदेह में मुकदमा चलाने की अनुमति मिल जाएगी। जस्टिस एगेंस्ट स्पोंसर्स ऑफ टेरेरिज्म एक्ट को पिछले हफ्ते प्रतिनिधि सभा ने आम सहमति से मंजूर किया था। चार महीने पहले सीनेट ने उसे अनुमोदित किया था।
व्हाइट हाउस के प्रेस सचिव जोश एर्नेस्ट ने कहा, राष्ट्रपति का इस कानून को वीटो करने का इरादा है। इस कानून का सउदी अरब ने जबर्दस्त विरोध किया है। 2001 के 11 सितंबर के आतंकवादी हमले से जुड़े 19 अपहर्ताओं में से 15 इसी देश के हैं। एर्नेस्ट ने कहा कि फिलहाल अमेरिकी सरकार की कार्यपालिका में किन्हीं खास देशों को आतंकवाद का प्रश्रयदाता घोषित करने की एक निश्चित प्रक्रिया है। दो चार ऐसे देश हैं जो इस श्रेणी के लिए उपयुक्त हैं। यह बहुत गंभीर घोषणा है। यह उन देशों को उन पाबंदियों की सूची में पहुंचा देता है जिससे वे न केवल अमेरिका बल्कि कई मामलों में बाकी दुनिया से भी अलग-थलग हो जाते हैं।
उन्होंने कहा कि आतंकवाद का जवाब देने का जबर्दस्त तरीका इस बात की सघन जांच करना है कि किसी देश की आतंकवाद के समर्थन में क्या भूमिका हो सकती है और यदि हमें अकाट्य प्रमाण मिल जाता है कि यह उस हिसाब से उसे ऐसा पेश करने के लिए हैं। इसे ही राष्ट्रपति आतंकवाद के प्रश्रयदाताओं का सामना करने का जबर्दस्त तरीका मानता है। उन्होंने कहा कि दूसरी चिंता है कि हमने यह भी बताया है कि इस कानून से अमेरिका दुनिया के देशों में अदालतों में जिरह के जोखिम में पड़ जाएगा।