संयुक्त राष्ट्र: पाकिस्तान ने शुक्रवार को संयुक्त राष्ट्र में कहा कि भारत को क्षेत्रीय ताकत बनाने के लिए राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजित डोभाल की आक्रामक रक्षा तथा दोतरफा दबाव की रणनीति कभी कामयाब नहीं होगी। संयुक्त राष्ट्र महासभा में प्रतिक्रिया देने के अधिकार का इस्तेमाल करते हुए पाकिस्तान ने कहा कि यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि भारत ने प्रधानमंत्री शाहिद खाकान अब्बासी के कश्मीर पर दिए गए बयान की निंदा की है जो घाटी के उत्पीड़ित और पीड़ित लोगों की भावनाओं और महत्वाकांक्षांओं को दर्शाता है। संयुक्त राष्ट्र में पाकिस्तान के स्थाई मिशन में काउंसलर टीपू उस्मान ने कहा, ‘आक्रमक रक्षा और दोतरफा दबाव के इस्तेमाल की डोभाल की वह रणनीति कभी कामयाब नहीं हो सकती जिससे भारत समझाता है कि वह क्षेत्रीय ताकत बन जाएगा।’
पाकिस्तान ने कहा, ‘पाकिस्तान में गड़बड़ी फैलाते, आतंकवाद फैलाते और जासूसी करते रंगे हाथों पकड़े गए कमांडर जाधव जैसे आतंक और अशांति के भारतीय संचालक भारत के सपनों को कभी पूरा नहीं कर सकते। यह सपना सिर्फ सपना ही रह जाएगा।’ राजनयिक ने कहा कि भारतीय सुरक्षा बलों के हाथों कश्मीरी लोगों की दुर्दशा को अंतर्राष्ट्रीय समुदाय और मानवाधिकार संगठन दर्ज कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि कश्मीर की जनता अंतर्राष्ट्रीय समुदाय विशेष तौर पर संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के सदस्यों के उस वादे को पूरा करने का इंतजार कर रही है जिसमें संयुक्त राष्ट्र के तत्वावधान में निष्पक्ष और स्वतंत्र जनमत संग्रह कराने की बात की गई थी। उन्होंने कहा, ‘मुझे एक बार फिर इस बात को दोहराना चाहिए और भारत की ओर से फैलाई जा सकने वाली किसी भी भ्रांति को खारिज करने दीजिए। भारत क्षेत्रीय शांति और स्थायित्व को कमजोर करने का जिम्मेदार है।’
उन्होंने आरोप लगाया कि जम्मू कश्मीर में नियंत्रण रेखा पर भारतीय सेना की ओर से बिना किसी उकसावे के गोलीबारी और मोर्टार के गोले दागने से पाकिस्तान की ओर कम से कम 10 नागरिक मारे गए हैं। इनमें अधिकतर महिलाएं हैं। पाकिस्तानी राजनयिक ने कहा, ‘गोलीबारी ज्यों की त्यों जारी रहती है जो कि भारत के हठ और अतिक्रमण की दुखद याद दिलाती है। यह भी असफल हो सकती है।’ गौरतलब है कि पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शाहिद खाकान अब्बासी ने संयुक्त राष्ट्र महासभा में कश्मीर मुद्दा उठाया था जिसके बाद भारत ने अपने प्रतिक्रिया देने के अधिकार का इस्तेमाल करते हुए पाकिस्तान को ‘टेररिस्तान’ कहा और कहा कि वह आतंक का पर्याय बन चुका है। भारत ने कहा कि वहां एक फलता-फूलता उद्योग है जो वैश्विक आतंकवाद को पैदा करता है और उसका निर्यात करता है।