यूस्टन: भारतीय अमेरिकी प्रोफेसर और उसकी टीम ने हाथ में पकड़ा जा सकने और कम लागत वाला ऐसा उपकरण विकसित किया है जो दर्दनाक स्पेकुलम का इस्तेमाल किए बिना गर्भाशय के कैंसर का पता लगाएगा। उत्तर कैरोलिना की ड्यूक यूनिवर्सिटी में निम्मी रामानुजम् और अनुसंधानकर्ताओं की उनकी टीम ने कहा कि जेब में आ सकने वाला कोलपोस्कोप लैपटॉप या मोबाइल फोन से कनेक्ट हो सकता है। इसकी मदद से महिलाएं अपनी जांच स्वयं भी कर सकती हैं। (लंदन: आग लगने से कैमडेन लॉक मार्केट के कई हिस्से बर्बाद)
निम्मी ने ऑल इन वन उपकरण विकसित किया है जो पॉकेट में रखे जाने वाले टैम्पॉन से मिलता जुलता है। उनकी टीम ने 15 लोगों से इस नए समेकित डिजाइन का इस्तेमाल करने को कहा और 80 प्रतिशत से अधिक लोगों ने कहा कि उन्हें अच्छी तस्वीर मिली। निम्मी ने कहा, हमें कोलपोस्कोपी को महिलाओं तक पहुंचाने की आवश्यकता है ताकि हम जांच के कदमों की जटिल श्रृंखला को एक स्पर्श बिंदु में बदल सकें।
उन्होंने कहा कि गर्भाशय के कैंसर की जांच की मौजूदा प्रक्रिया में एक स्पेकुलम, एक कोलपोस्कोप और जांच करने के लिए उच्च प्रशिक्षित पेशेवर की आवश्यकता होती है। राष्ट्रीय स्वास्थ्य संस्थान की वित्तीय मदद से विकसित उपकरण का डिजाइन कोलपोस्कोप की तरह है जो पॉकेट में रखे जा सकने वाले टैम्पॉन से मिलता जुलता है। इसके एक छोर पर लाइटें एवं एक कैमरा लगा होता है। इसमें एक इन्सर्टर भी लगा होता है जिसकी माध्यम से कोलपोस्कोप को अंदर डाला जा सकता है और यह प्रक्रिया पूरी तरह स्पेकुलम मुक्त होती है। महिलाएं अधिकतर जिन कैंसर का शिकार होती है उनमें गर्भाशय का कैंसर चौथे नंबर पर है। अमेरिका में हर साल 10000 से अधिक ऐसे मामले सामने आते हैं।