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कोविड-19 वैक्सीन Novavax 90 फीसदी असरदार पाया गया, कई वैरिएंट्स के खिलाफ कारगर

कोरोना महामारी की दूसरी लहर से पूरी दुनिया परेशान है। इस लहर में दुनिया भर में कोरोना वायरस के कई वैरिएंट सामने आए हैं। हालांकि इस बीच एक अच्छी खबर सामने आई है। 

Edited by: IndiaTV Hindi Desk
Published : June 14, 2021 17:06 IST
Novavax Covid vaccine found 90% effective against Covid and its variants
Image Source : AP कोरोना महामारी की दूसरी लहर से पूरी दुनिया परेशान है।

वाशिंगटन: कोरोना महामारी की दूसरी लहर से पूरी दुनिया परेशान है। इस लहर में दुनिया भर में कोरोना वायरस के कई वैरिएंट सामने आए हैं। हालांकि इस बीच एक अच्छी खबर सामने आई है। वैक्सीन निर्माता नोवावैक्स ने सोमवार को कहा कि उसका वैक्सीन कोविड-19 के खिलाफ अत्याधिक प्रभावी है और यह वायरस के सभी वैरिएंट्स के खिलाफ सुरक्षा प्रदान करता है। यह बात अमेरिका और मेक्सिको में किए गए बड़े और आखिरी चरण के अध्ययन में सामने आई है। 

कंपनी ने कहा कि वैक्सीन कुल मिलाकर करीब 90 फीसदी असरदार है और शुरुआती आंकड़ें बताते हैं कि यह सुरक्षित है। हालांकि अमेरिका में कोविड-19 वैक्सीन की मांग में कमी आई है, लेकिन दुनिया भर में अधिक वैक्सीन की जरूरत बनी हुई है। नोवावैक्स वैक्सीन को रखना और ले जाना आसान है और उम्मीद की जा रही है कि यह विकासशील देशों में वैक्सीन की आपूर्ति को बढ़ाने में अहम किरदार निभाएगा। 

कंपनी ने कहा कि उसकी योजना सितंबर अंत तक अमेरिका, यूरोप और अन्य जगहों पर वैक्सीन के इस्तेमाल के लिए मंजूरी लेने की है और तबतक वह एक महीने में 10 करोड़ खुराकों का उत्पादन करने में सक्षम होगी। नोवावैक्स के मुख्य कार्यपालक स्टेनली एर्क ने कहा, “हमारी शुरूआती कई खुराकें निम्न और मध्य आय वाले देशों में जाएंगी।” 

‘आवर वर्ल्ड इन डेटा’ के मुताबिक, अमेरिका की आधी से ज्यादा आबादी कोविड-19 वैक्सीन की कम से कम एक खुराक ले चुकी है जबकि विकासशील देशों में एक फीसदी से भी कम लोगों ने वैक्सीन की एक खुराक ली है। नोवावैक्स के अध्ययन में अमेरिका और मेक्सिको में 18 वर्ष और इससे अधिक उम्र के करीब 30,000 लोग शामिल थे। उनमें से दो तिहाई को तीन हफ्तों के अंतराल पर टीके की दो खुराकें दी गईं जबकि शेष को अप्रभावी (डमी) वैक्सीन दिया गया।

कोविड-19 के 77 मामले आए, जिनमें से 14 उस समूह से थे जिन्हें वैक्सीन दिया गया जबकि शेष मामले उनमें थे जिन्हें अप्रभावी (डमी) वैक्सीन दिया गया था। वैक्सीन लगवाने वाले समूह में किसी की भी बीमारी मध्यम या गंभीर स्तर पर नहीं पहुंची। वैक्सीन वायरस के कई वैरिएंट्स पर असरदार रहा जिनमें ब्रिटेन में सामने आया वैरिएंट भी शामिल है जो अमेरिका में काफी फैला है। साथ में यह वैक्सीन उच्च खतरे वाले समूह पर भी प्रभावी रहा, जिनमें बुजुर्ग और स्वास्थ्य दिक्कतों का सामना करने वाले लोग शामिल हैं। 

एर्क ने कहा कि इसके दुष्प्रभाव अधिकतर मामूली थे और इंजेक्शन लगने वाली जगह पर दर्द हुआ। खून के थक्के जमने या दिल की समस्या का पता नहीं चला। नोवावैक्स ने परिणाम प्रेस विज्ञप्ति में बताए हैं और उसकी योजना इसे चिकित्सा जर्नल में प्रकाशित करने की है जहां स्वतंत्र विशेषज्ञ इसकी जांच करेंगे। 

कोविड-19 वैक्सीन शरीर को कोरोना वायरस पहचानने, खासकर इसे ढकने वाले स्पाइक प्रोटीन की पहचान करने के लिए प्रशिक्षित करता है और शरीर को वायरस से लड़ने के लिए तैयार करता है। नोवावैक्स प्रायोगशाला में बनाए गए उस प्रोटीन की प्रतियों से तैयार की गई है और यह अभी बड़े पैमाने पर इस्तेमाल हो रहे कुछ अन्य टीकों से अलग है। नोवैक्स वैक्सीन को फ्रिज के मानक तापमान पर रखा जा सकता है और यह वितरण करने में आसान है।

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