वॉशिंगटन: विदेश मंत्री एस जयशंकर ने यहां कहा कि अनुच्छेद 370 को निरस्त किए जाने के बाद ऐसे लोग भारत और पाकिस्तान को ‘‘साथ जोड़ने’’ की कोशिश कर रहे हैं, जिनके दिमाग पर जम्मू-कश्मीर का विशेष राज्य का दर्जा समाप्त करने की बात हावी है। उन्होंने सवाल किया कि भारत की तुलना ऐसे देश से कैसे की जा सकती है, जो उसकी अर्थव्यवस्था के आकार का आठवां हिस्सा हो। भारत सरकार ने जम्मू-कश्मीर का विशेष राज्य का दर्जा हटाने और उसे दो केंद्र शासित प्रदेशों में विभाजित करने का पांच अगस्त को फैसला किया था। इसके बाद भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव बढ़ गया है।
इस मामले पर पाकिस्तान ने तीखी प्रतिक्रिया दी है। भारत ने अंतरराष्ट्रीय समुदाय से स्पष्ट रूप से कहा है कि अनुच्छेद 370 को निरस्त करना एक आंतरिक मामला है और उसने पाकिस्तान को वास्तविकता स्वीकार करने की सलाह दी है। जयशंकर ने भारत और पाकिस्तान के बारे में एक साथ बात किए जाने पर स्पष्ट रूप से आपत्ति जताते हुए भारतीय संवाददाताओं से कहा, ‘‘आप एक ऐसे देश को कैसे साथ जोड़कर देख सकते हो, जो आपकी अर्थव्यवस्था का आठवां हिस्सा है, जो छवि के हिसाब से आपसे एकदम विपरीत है?’’
जयशंकर ने जम्मू कश्मीर को विशेष राज्य का दर्जा देने वाले संविधान के अनुच्छेद 370 के प्रावधानों को निरस्त करने के बाद से एक बार फिर भारत और पाकिस्तान को ‘‘साथ जोड़े’’ जाने के बारे में पूछे गए सवाल का जवाब देते हुए यह बयान दिया। उन्होंने कहा कि इस तर्क से तो भारत को ऐसा कुछ नहीं करना चाहिए, जिससे किसी भी बातचीत में पाकिस्तान आए।
उन्होंने कहा, ‘‘यह तर्क अक्सर वे लोग देते हैं जिनका मानना है कि हमें अनुच्छेद 370 के बारे में कुछ नहीं करना चाहिए था।’’ जयशंकर ने कहा कि इसे लेकर उनमें ‘‘सहिष्णुता बहुत कम’’ है। जयशंकर न्यूयार्क में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ संयुक्त राष्ट्र महासभा सत्र में भाग लेने के बाद रविवार रात को यहां पहुंचे थे। प्रधानमंत्री और विदेश मंत्री ने इस सत्र के इतर विश्व के कई नेताओं के साथ द्विपक्षीय बैठकें की थीं।