न्यूयॉर्क: निक्की हेली ने कहा है कि संयुक्त राष्ट्र में अमेरिकी राजदूत के रूप में अपने काम को लेकर उन्हें कोई खेद नहीं है। उन्होंने कहा कि उनके माता-पिता ने उन्हें यह सिखाया है कि जीवन में आप जो भी काम करें, उसपर आप गर्व करें जिसके लिए लोग आपको याद रखें। कल वुमन इन द वल्र्ड सम्मिट के एक सत्र में जब उनसे पूछा गया कि क्या उन्हें अपने काम को लेकर कोई खेद व पछतावा है, जिसपर हेली ने कहा, नहीं, कोई खेद नहीं है
- भारत-चीन के बीच पैदा हुए विवाद की वजह दलाई लामा नहीं
- बैठक में इन मुद्दों पर बात करेंगे ट्रंप और शी जिनपिंग
भारतीय अमेरिकी ने यहां कहा, मैं भारतीय माता-पिता की बेटी हूं जहां मेरी मां हमेशा कहती थीं कि आप चाहे जो भी करें उस पर गर्व महसूस करें और यह सुनिश्चित करें कि लोग इसके लिए आपको याद करें और इसलिए मेरा ध्यान सिर्फ कोशिश करने पर रहता है और मैं जितना अच्छे से अच्छा कर सकती हूं वो काम करने की कोशिश करती हूं। 45 वर्षीय हेली प्रभावशाली महिला नेता, राजनीतिज्ञो और कार्यकर्ताओं के वार्षिक सम्मेलन में बोल रही थीं जिसका आयोजन एक मीडिया कर्मी टीना ब्राउन ने न्यूयॉर्क टाइम्स के सहयोग से किया था।
वह अपनी भारतीय विरासत के बारे में गर्व से बोलती हैं जिसकी झलक प्राय: उनके भाषणौंं और बातचीत के दौरान मिल जाती है। इससे पहले इस हफ्ते जब वह संयुक्त राष्ट्र मुख्यालय में संवाददाताओं को संबोधित कर रही थी तब भी हेली ने अपनी भारतीय विरासत को लेकर गर्व किया था जब उनसे उनके स्वतंत्र होकर और खुले तौर पर बोलने को लेकर पूछा गया था। उन्होंने कहा, मैंने जहां भी काम किया है लोगों ने मुझे माना है कि मैं कुछ बड़ा करने को लेकर सोचती हूं। मैं एक भारतीय माता-पिता की बेटी हूं जिन्होंने मुझसे यह कहा है कि आप जो भी करें उस पर गर्व करें और लोग इसके लिए आपको याद करें।