साओ पाउलो (ब्राजील): ब्राजील की इंडियन फाउंडेशन द्वारा इस हफ्ते पहली बार जारी किए गए एक वीडियो में एक ऐसे व्यक्ति की दुर्लभ तस्वीरें कैद हुई हैं जिसके बारे में किसी को कोई जानकारी नहीं है। इस व्यक्ति का नाम और यह किन लोगों के साथ आया कोई नहीं जानता। ऐसा प्रतीत होता है कि वह ब्राजील के अमेजन के जंगलों में 22 वर्षों से अकेला रह रहा है। माना जा रहा है कि यह अपनी जनजाति का आखिरी जीवित व्यक्ति है। यह फुटेज 2011 में ली गई थी हालांकि उस पर नजर रखने वाले एक दल ने कहा कि आखिरी बार उसके जिंदा होने के साक्ष्य मई में मिले थे।
इस शख्स की सिर्फ एक तस्वीर है जो 1990 में ली थी
पत्तियों के बीच से दूर से ली गई इस फुटेज में यह शख्स एक पेड़ को काटता दिख रहा है। इन तस्वीरों में कुल्हाड़ी से पेड़ को काटने तथा पक्षियों की आवाज सुनी जा सकती है। जारी किए गए वीडियो के साथ एक प्रेस नोट भी दिया गया है। इसमें कहा गया है कि इस शख्स की सिर्फ एक तस्वीर है जो 1990 के दशक में वृत्तचित्र निर्माता ने ली थी जिसमें उस व्यक्ति का चेहरा पत्तों के पीछे छिपा है।
इंडियन फाउंडेशन 1996 ने जारी किया यह विडियों
व्यक्ति की निगरानी करने वाले दल के समन्वयक आल्टेयर अल्गायेर ने कहा कि फाउंडेशन यह वीडियो जारी नहीं करना चाहता था क्योंकि वह उस शख्स से इसे जारी करने की अनुमति नहीं ले सका है। उन्होंने हालांकि यह भी कहा कि ऐसी तस्वीरों से उन लोगों के दर्द की तरफ ध्यान आकर्षित करने में मदद मिलती है जो बाहरी दुनिया से अपनी दूरी बरकरार रखने के लिए संघर्ष कर रहे हैं। अल्गायेर ने टेलीफोन पर दिए गए साक्षात्कार में कहा, ‘‘बहुत से लोग यह वीडियो देखना चाह रहे हैं। वह जानना चाहते हैं कि वह शख्स कैसा है, उसे कैसे देखा जा सकता है, क्या वह अब भी जिंदा है।’’
बाहरी दुनिया से जुड़ने में कोई दिलचस्पी नहीं दिखाई
इंडियन फाउंडेशन 1996 से इस व्यक्ति पर नजर रख रहा है। जब वह उसे रोंडोनिया राज्य के जंगल में अकेले रहता नजर आया था। माना जाता है कि उसके साथी जनजाति के सभी सदस्य 1995 या 1996 में मर गए। फाउंडेशन के सदस्यों ने उससे संपर्क करने की कोशिश की लेकिन उसने बाहरी दुनिया से जुड़ने में कोई दिलचस्पी नहीं दिखाई। उस पर नजर रखने वाला दल उसे ‘ इंडियन ऑफ द होल ’ कहकर बुलाता है क्योंकि उसने एक अस्वाभाविक गड्ढा खोद रखा है। अल्गायेर ने कहा कि उसकी उम्र 55 से 60 साल के करीब है और उसकी सेहत अच्छी है।