वॉशिंगटन: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने पाकिस्तान को दी जाने वाली सुरक्षा सहायता पर रोक लगाकर यह संदेश देने की कोशिश की कि सहायता पाने वाले आतंकवाद को समर्थन देकर या उसे अनदेखा करके अमेरिका के दोस्त नहीं हो सकते। व्हाइट हाउस ने यह जानकारी दी। अमेरिका की ओर से ऐसे संदेश का लंबे समय से इंतजार किया जा रहा था। ट्रंप प्रशासन ने पाकिस्तान पर आरोप लगाया था कि आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में वह पर्याप्त काम नहीं कर रहा है, इसके साथ ही पिछले महीने उसे दी जाने वाली करीब 2 अरब डॉलर की सुरक्षा सहायता पर भी रोक लगा दी थी।
ट्रंप के हाल के फैसलों का हवाला देते हुए व्हाइट हाउस ने उनकी विदेश नीति का फैक्ट शीट में विस्तृत ब्यौरा देते हुए कहा, ‘राष्ट्रपति ट्रंप हमारे सहयोगियों को यह स्पष्ट कर रहे हैं कि आतंक का समर्थन करके, या उसे अनदेखा करके वह अमेरिका के मित्र नहीं बन सकते।’ मंगलवार को ट्रंप के पहले स्टेट आफ दी यूनियन संबोधन के बाद व्हाइट हाउस ने फैक्ट शीट में कहा, ‘राष्ट्रपति ने पाकिस्तान को सुरक्षा सहायता रोक दी और इस तरह सहायता पाने वालों को संदेश दिया कि हम उनसे यह उम्मीद करते हैं कि वह आतंकवाद से लड़ाई में पूरी तरह हमारे साथ होंगे।’
वहीं, दूसरी तरफ पाकिस्तान ने आतंकवाद को समर्थन देने के आरोपों से इनकार किया है। व्हाइट हाउस के मुताबिक ट्रंप अमेरिका की सुरक्षा को जो खतरे हैं उन पर लगातार ध्यान देंगे और कट्टरपंथी इस्लामिक आतंक तथा इसकी विचारधारा से मुकाबला करने और उसे हराने के प्रयासों को प्राथमिकता देंगे। गौरतलब है कि पिछले कुछ समय से पाकिस्तान और अमेरिका के रिश्तों में आतंकवाद के मुद्दे पर गंभीर तनाव आया हुआ है।