वॉशिंगटन: नासा ने उपग्रह से प्राप्त आंकड़ों का इस्तेमाल करते हुए एक वीडियो जारी किया है। इससे केरल में बारिश और बाढ़ की स्थिति की भयावहता का पता चलता है। भारत में आम तौर पर इस समय में ग्रीष्मकालीन मॉनसून आता है और क्षेत्र में भारी बारिश होती है। हालांकि सामान्य मॉनसून के दौरान समय-समय पर कम दबाव के क्षेत्र बन सकते हैं। इस कारण अधिक बारिश हो सकती है।
केरल पिछले 100 साल में सबसे विनाशकारी बाढ़ से जूझ रहा है और अब तक 400 से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है और हजारों लोग विस्थापित हुए हैं। केंद्र ने इस आपदा को ‘गंभीर’ बताया है। नासा ने एक बयान में कहा है कि हिमालय की भौगोलिक स्थिति और पश्चिमी घाट के कारण दक्षिणी पश्चिमी तट पर भारी बारिश हो रही है।
यह पर्वतश्रेणी हिमालय जितनी बड़ी तो नहीं है लेकिन भारत के पश्चिमी तट के समानांतर चलती है। इसकी कई चोटियां 2,000 मीटर से भी अधिक ऊंची हैं। इस तरह से देखें तो पश्चिमी घाट की माकूल स्थिति के कारण भारत के पश्चिमी तटीय इलाकों में अधिक बारिश होती है। दक्षिण पश्चिम मॉनसून के तहत उत्तरी हिंद महासागर और अरब सागर से आने वाली गर्म हवाओं में निहित नमी इस पर्वत श्रेणी से टकराती है, जिससे अधिक बारिश होती है।