Thursday, December 26, 2024
Advertisement
  1. Hindi News
  2. विदेश
  3. अमेरिका
  4. NASA ने शेयर किया तारे में हुए धमाके का वीडियो, सूरज से दिखी 5 अरब गुना ज्यादा चमक

NASA ने शेयर किया तारे में हुए धमाके का वीडियो, सूरज से दिखी 5 अरब गुना ज्यादा चमक

नासा ने अंतरिक्ष में एक बहुत बड़े धमाके को हबल टेलीस्कोप में रिकार्ड किया है। नासा ने 30 सेकंड का एक वीडियो क्लिप जारी करते हुए लिखा कि हर सेकंड एक तारा हमारे विशाल ब्रह्मांड में कहीं न कहीं फट जाता है।

Edited by: IndiaTV Hindi Desk
Updated : October 05, 2020 21:13 IST
NASA exploding star supernova video by Hubble Telescope 70 million light years away
Image Source : NASA NASA exploding star supernova video by Hubble Telescope 70 million light years away

वॉशिंगटन: नासा ने अंतरिक्ष में एक बहुत बड़े और दुर्लभ धमाके को अपने हबल टेलीस्कोप में रिकार्ड किया है। नासा ने 30 सेकंड का एक वीडियो क्लिप जारी करते हुए लिखा कि हर सेकंड एक तारा हमारे विशाल ब्रह्मांड में कहीं न कहीं फट जाता है। हम इस वीडियो में आकाशगंगा NGC 2525 में एक सुपरनोवा को दूर से देख सकते हैं। यह धमाका पृथ्वी से 70 मिलियन प्रकाश वर्ष की दूरी पर स्थित SN 2018gv सुपरनोवा में रिकॉर्ड किया गया। आपको बता दें कि सुपरनोवा तारे में हुए विस्फोट को कहा जाता है। 

नासा ने इसपर कहा कि इस सुपरनोवा में विस्फोट से सूरज से 5 अरब ज्यादा रोशनी देखी गई। नासा ने कहा कि यह सुपरनोवा बहुत ताकतवार होते है। यह कई प्रकाशवर्ष तक फैले होते है और इनसे निकलने वाली रोशनी को और इनमें विस्फोट के बाद निकलने वाली रोशनी को पृथ्वी से देखा जा सकता है। 

नासा द्वारा YouTube पर पोस्ट किए जाने के बाद से सुपरनोवा 2018gv के टाइम-लैप को 4 लाख से अधिक बार देखा जा चुका है। इस वीडियो पर कमेंट करते हुए एक व्यक्ति ने इसे शानदार बताया। वहीं एक अन्य यूजर ने लिख कि यह सोचना अच्छा है कि एक तारा विस्फोट के बाद खत्म हो गया लेकिन हम इसे केवल एक लाख वर्षों में ही देख पाएंगे।

READ: WHO का बहुत बड़ा बयान, कहा- विश्व की बड़ी आबादी खतरे में है

"शानदार," टिप्पणी अनुभाग में एक व्यक्ति ने लिखा है। एक अन्य टिप्पणी में कहा गया, "यह सोचना अच्छा है कि एक तारा अब मर सकता है लेकिन हम इसे केवल एक लाख वर्षों में देखेंगे।" नासा के अनुसार हबल ने फरवरी 2018 में SN 2018gv इसे भापना शुरू कर दिया था। सुपरनोवा को पहली बार शौकिया खगोल विज्ञानी कोइची इतागाकी ने पता लगाया था। 

नासा में अगले मूनवॉक की जमकर हो रही तैयारी

अपने आर्टेमिस चंद्रमा अन्वेषण कार्यक्रम के तहत नासा की योजना 2024 तक चांद की धरती पर दोबारा इंसानों को भेजने की है और इसकी तैयारी अभी से शुरू कर दी गई है। तैयारी के एक चरण के रूप में अंतरिक्ष यात्रियों को हर उस चुनौतियों से रूबरू करवाया जा रहा है, जिनका सामना उन्हें चांद की सतह पर करना पड़ सकता है।

प्रशिक्षण के तहत अंतरिक्ष यात्रियों से अंडर वॉटर टास्क ज्यादा कराए जा रहे हैं और इसके लिए बड़े-बड़े पूलों का निर्माण किया गया है, जिनमें कृत्रिम वातावरण का निर्माण भी किया गया है, ताकि इन्हें चांद के पर्यावरणीय स्थिति से मिलाया जा सके।

नासा ने कहा, "ह्यूस्टन के जॉनसन स्पेस सेंटर में न्यूट्रल ब्यूएन्सी लैब (एनबीएल) में होने वाली एक टेस्ट सीरीज के हिस्से के रूप में अंतरिक्ष यात्री और इंजीनियर्स स्पेससूट और गोता लगाने के लिए जरूरी उपकरण हार्ड हेट जैसी चीजों के साथ कई अलग-अलग तरह के टास्क कर रहे हैं, जिन्हें उन्हें चांद की सतह पर करना पड़ सकता है।"

इन परीक्षणों के नेतृत्व में शामिल डैरन वेल्श ने कहा, "ये शुरुआती परीक्षण भविष्य के आर्टेमिस ट्रेनिंग और मिशन के लिए जरूरतों और हार्डवेयर के विकास के लिए मददगार साबित होंगे।"

READ: भारत में लॉन्च होने वाला है DSLR कैमरे वाला स्मार्टफोन, देखें पूरी जानकारी

इस एनबीएल की लंबाई 202 फीट, चौड़ाई 102 फीट और गहराई 40 फीट है (जमीनी स्तर से 20 फीट ऊपर और 20 फीट नीचे) और इसमें 62 लाख गैलन पानी भरा है।

अंतरिक्ष यात्रियों द्वारा किए जा रहे टास्क में चांद की सतह से नमूनों को संग्रह करने, चंद्र लैंडर (चांद पर उतरने वाला यान) का परीक्षण करने और अमेरिकी ध्वज को चांद की सतह पर लगाने संबंधी काम शामिल हैं।

Latest World News

India TV पर हिंदी में ब्रेकिंग न्यूज़ Hindi News देश-विदेश की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट और स्‍पेशल स्‍टोरी पढ़ें और अपने आप को रखें अप-टू-डेट। US News in Hindi के लिए क्लिक करें विदेश सेक्‍शन

Advertisement
Advertisement
Advertisement