वाशिंगटन: ट्विटर पर सर्वाधिक लोकप्रिय नेताओं मे से एक प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आम जनता से जुड़ने के लिए सोशल मीडिया का सफलतापूर्वक इस्तेमाल किया है।
अमेरिकी शोधार्थी जोयोजीत पाल ने सोशल मीडिया वेबसाइटों पर प्रधानमंत्री द्वारा डाले गए पोस्ट पर रिसर्च करने के बाद कहा कि, मोदी ने सोशल मीडिया का इस्तेमाल मुद्दों के बजाए निजी छवि बनाने के लिए अधिक किया।
यूनिवर्सिटी ऑफ मिशिगंस स्कूल ऑफ इनफॉर्मेशन के सहायक प्रोफेसर पाल ने कहा, ‘मोदी ने भारत में युवा पीढ़ी की आकांक्षाओं के साथ खुद को जोड़ते हुए तकनीक से भली भांति परिचित नेता के रूप में अपनी सार्वजनिक छवि बनाने के लिए सोशल मीडिया का सफलतापूर्वक इस्तेमाल किया है।’
पाल का यह दस्तावेज टेलीविजन एंड न्यू मीडिया जर्नल के ताजा संस्करण में प्रकाशित किया गया है। मोदी के ट्विटर पर 1.23 करोड़ फॉलोअर्स हैं। वह ट्विटर जगत में ओबामा के बाद विश्व के दूसरे सबसे लोकप्रिय नेता हैं। पाल ने कहा कि चुनाव प्रचार मुहिम के दौरान मोदी का अकाउंट उनकी राजनीतिक सोच के बारे में अधिक संकेत देता था।
उन्होंने राष्ट्रीय समारोहों और उत्सवों का जिक्र किया और सेलिब्रिटी से कहा कि वे समाज के हित से जुड़े कार्यों के लिए आगे आएं। शोधार्थी के अनुसार, चुनाव करीब आते आते मोदी ने फिल्मी सितारों, क्रिकेटरों, आध्यमिक हस्तियों सहित कई ऐसे चर्चित लोगों को ट्वीट किया जिनको ज्यादातर लोग फॉलो करते हैं। इन लोगों से मोदी ने युवा मतदाताओं को पंजीकरण के लिए प्रेरित करने का आग्रह किया।
पाल ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी नवीनतम तकनीक को अपनाने में भी आगे रहे हैं। उन्होंने कहा, ‘उदाहरण के तौर पर मोदी ने ट्विटर पर वीडियो फीचर आते ही उसका लाभ उठाया। प्रधानमंत्री के तौर पर अपने कार्यकाल में मोदी के ट्वीट में बदलाव आया है। वह पहले से कम राजनीतिक बयान पोस्ट करते हैं और अनौपचारिक संदेश जैसे कि शुभकामनाएं, शोक आदि अधिक पोस्ट करते हैं।’
पाल ने कहा, ‘मोदी ट्विटर का इस्तेमाल मुद्दों के बजाए एक निजी संकेत के तौर पर करते हैं। उदाहरण के तौर पर वह ‘कार्यकर्ता’ के बीच ‘माई बाप शैली’ में जाते हैं। यह ओबामा से अलग तरीका है। ओबामा किसी एजेंडे को आधार बनाकर ट्वीट करते हैं।’
मोदी की लोकप्रियता से यदि भारतीय नेताओं की तुलना की जाए, तो उनके सबसे निकट सांसद शशि थरूर हैं। थरूर के 30 लाख फॉलोअर हैं। मोदी का एक फेसबुक पेज है जिस पर दो करोड़ 80 लाख लाइक हैं।
उन्होंने ‘चाय पे चर्चा’ मुहिम भी शुरू की है जिसके तहत वह चाय पीते समय ऑनलाइन वीडियो के माध्यम से नागरिकों के साथ राष्ट्रीय मुद्दों पर चैट (बातचीत) करते हैं।