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अमेरिका: निचले सदन में ट्रंप की विरोधी पार्टी को मिला बहुमत, स्पीकर बनीं नैन्सी पेलोसी

अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के लिए साल की शुरुआत राजनीतिक रूप से कुछ अच्छी नहीं रही है।

Edited by: IndiaTV Hindi Desk
Updated : January 04, 2019 12:35 IST
Nancy Pelosi and Donald Trump | AP Photos
Nancy Pelosi and Donald Trump | AP Photos

वॉशिंगटन: अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के लिए साल की शुरुआत राजनीतिक रूप से कुछ अच्छी नहीं रही है। पहले रिपब्लिकन पार्टी ने निचले सदन में डेमोक्रैट्स के हाथों अपना बहुमत गंवा दिया, वहीं डेमोक्रेटिक पार्टी की वरिष्ठ नेता और भारत-अमेरिकी संबंधों की पक्षधर नैन्सी पेलोसी भी 3 जनवरी को हाउस ऑफ रिप्रेजेंटेटिव्स की स्पीकर निर्वाचित हो गईं। आपको बता दें कि पेलोसी ना सिर्फ सदन की स्पीकर चुनी जाने वाली पहली महिला हैं बल्कि दोबारा स्पीकर का पद पाने वाले कुछ गिने-चुने लोगों में शामिल हैं।

गौरतलब है कि अमेरिका में नवंबर 2018 में हुए मध्यावधि चुनावों के बाद सदन में 235 सीटें हासिल कर डेमोक्रेटिक पार्टी हाउस ऑफ रिप्रेजेंटेटिव्स में बहुमत में आ गई है। 435 सदस्यीय सदन में डेमोक्रैट्स के पास 235 जबकि रिपब्लिकन के पास 199 सीटें हैं। 3 जनवरी से गठित नयी संसद में पेलोसी ने रिपब्लिकन नेता पॉल रेयान (48) का स्थान लिया है। 78 वर्षीय पेलोसी के समक्ष इस पद के लिए रिपब्लिकन पार्टी के केविन मैककार्थी खड़े थे। सदन में पेलोसी को 220 वोट और मैककार्थी को 192 मत मिले।

सदन के स्पीकर का पद संभालते हुए पेलोसी ने कहा, ‘हम बहुत आशा के साथ नई कांग्रेस में प्रवेश कर रहे हैं। आगे आने वाली चुनौतियों के मद्देनजर हमें भविष्य पर पूरा विश्वास है।’ गौरतलब है कि पेलोसी ने अपने चुनाव प्रचार के दौरान यह स्पष्ट किया था कि वह सिर्फ 4 साल के लिए नेतृत्व संभालेंगी। उसके बाद नेतृत्व अगली पीढ़ी के हाथों में चला जाएगा। सदन में पार्टी की कमान संभालने वाली पेलोसी पर अपनी पार्टी के सदस्यों की ओर से राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के खिलाफ महाभियोग चलाने का दबाव है। लेकिन वह इसे विभाजनकारी गतिविधि बताती हैं। 

पेलोसी का कहना है, ‘हमें किसी के खिलाफ महाभियोग राजनीतिक कारणों से नहीं चलाना चाहिए और न ही किसी के खिलाफ महाभियोग चलाए जाने को राजनीतिक कारणों से रोकना चाहिए।’ पेलोसी का कहना है कि वह 2016 के चुनावों में रूसी हस्तक्षेप के संबंध में विशेष अधिवक्ता रॉबर्ट मूलर की रिपोर्ट का इंतजार कर रही हैं। उनका कहना है कि सिर्फ सदन ही महाभियोग पर निर्णय ले सकता है।

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