संयुक्त राष्ट्र: 2019 जलवायु शिखर सम्मेलन के लिए संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंतोनियो गुतारेस के विशेष दूत ने कहा कि जलवायु परिवर्तन के खिलाफ कदम उठाने के लिए भारत की सहभागिता बहुत महत्वपूर्ण है और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जलवायु संबंधी मामलों में नेतृत्व जारी रखने की पुन: प्रतिबद्धता जताई है। 2019 जलवायु शिखर सम्मेलन के लिए संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंतोनियो गुतारेस के विशेष दूत लुइस अल्फोंसो डी अल्बा ने मंगलवार को यहां कहा, ‘‘भारत का सहयोग, सहभागिता बहुत महत्वपूर्ण है क्योंकि वह एक बड़ा उत्सर्जक है। प्रधानमंत्री मोदी कुछ दिन पहले ही बिआरित्ज में महासचिव से मिले थे और उन्होंने जलवायु संबंधी मामलों और खासकर सौर ऊर्जा के संबंध में नेतृत्व जारी रखने की प्रतिबद्धता दोहराई थी। सौर ऊर्जा बहुत बड़ी और बहुत महत्वपूर्ण पहल है।’’
डी अल्बा ने जलवायु परिवर्तन से निपटने में एशियाई देशों से मिली प्रतिक्रिया संबंधी एक प्रश्न का उत्तर देते हुए इस दिशा में भारत के नेतृत्व का उदाहरण दिया। उन्होंने फ्रांस में जी7 शिखर सम्मेलन के इतर मोदी और गुतारेस के बीच हालिया बैठक का जिक्र किया जहां दोनों नेताओं ने जलवायु संबंधी मामलों पर सार्थक वार्ता की। मोदी ने गुतारेस के साथ बैठक के बाद ट्वीट किया था, ‘‘हमने कई मामलों, खासकर जलवायु परिवर्तन के प्रभावों को कम करने के प्रयासों को मजबूत करने पर विस्तृत विचार-विमर्श किया।’’
संयुक्त राष्ट्र के अधिकारी ने भारतीय कंपनियों के प्रयासों की भी सराहना की। उन्होंने कहा, ‘‘मैंने हाल में भारत की यात्रा की। मैंने सीमेंट उद्योग और बड़ी संख्या में अनेक कंपनियों - टाटा, महिंद्रा जैसी विशाल कंपनियों के साथ बैठक की।’’ अधिकारी ने कहा कि जलवायु परिवर्तन से निपटने के लिए उद्योग अपनी भागीदारी बढ़ा रहे हैं।
उन्होंने चीन के बारे में कहा कि बीजिंग को संदेश दिया गया है कि उसे ‘बेल्ट एंड रोड’ पहल में हरियाली पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए। डी अल्वा ने कहा, ‘‘हम चाहते हैं कि चीनी पहल कोयला संयंत्रों का वित्तपोषण नहीं करे बल्कि अन्य संभावनाएं पेश करें। हमने उनके साथ निकट से संवद किया है और मैं कह सकता हूं कि हमें बहुत सकारात्मक प्रतिक्रिया मिली है।’’
जलवायु परिवर्तन पर पेरिस समझौते को लागू करने के लिए कदमों में तेजी लाने के मकसद से गुतारेस 23 सितंबर को 2019 जलवायु परिवर्तन कार्रवाई शिखर सम्मेलन की मेजबानी करेंगे। डी अल्बा ने कहा कि इस सम्मेलन में विश्व के 100 से अधिक नेताओं के भाग लेने की उम्मीद है। अन्य नेताओं के साथ मोदी भी इस सम्मेलन को संबोधित कर सकते हैं। इस सम्मेलन के तहत संयुक्त राष्ट्र युवा जलवायु परिवर्तन कार्रवाई शिखर सम्मेलन भी आयोजित किया जाएगा जिसमें 600 युवा नेताओं एवं कार्यकर्ताओं के भाग लेने की उम्मीद है।