न्यूयॉर्क: भारत ने पाकिस्तान का नाम लिए बिना सोमवार को अंतर-सरकारी मंच की एक बैठक में कहा कि कुछ देशों की तरफ से वित्तीय, राजनीतिक और नैतिक सहयोग की वजह से आतंकवाद कायम है। विदेश राज्य मंत्री वी मुरलीधरन ने संयुक्त राष्ट्र महासभा के 74वें सत्र से इतर विदेश मंत्रियों की संवाद और विश्वास बहाली के उपायों (सीआईसीए) पर अनौपचारिक बैठक के दौरान आतंकवाद के बढ़ते अभिशाप पर भारत की चिंताएं उठायी।
उन्होंने किसी देश का नाम लिए बगैर कहा, ‘‘आतंकवाद एक अभिशाप है जिससे सीआईसीए के सदस्य देश और अन्य पीड़ित हैं। यह कुछ देशों के वित्तीय, राजनीतिक और नैतिक सहयोग से कायम है।’’ मुरलीधरन ने कहा कि सीआईसीए के सदस्यों को वित्तीय कार्रवाई कार्य बल (एफएटीएफ) का उसके काम में समर्थन करते रहना चाहिए।
उन्होंने कहा कि भारत समावेशी और सर्वसम्मति आधारित बहुपक्षीय सहयोग का समर्थन करता है। उन्होंने कहा, ‘‘भारत की नीतियों थिंक वेस्ट, एक्ट ईस्ट, सुरक्षा और सभी के लिए विकास तथा हिंद-प्रशांत की ओर उसकी दूरदृष्टि 21वीं सदी को एशिया की सदी बनाने में हमारे साझा प्रयास में एशियाई देशों के साथ साझेदारी की प्रतिबद्धता को दर्शाती है।’’