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ट्रंप ने कहा, यहूदी बस्तियों के निर्माण का काम बंद करे इस्राइल

वाशिंगटन: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने इस्राइल-फलस्तीन संघर्ष के समाधान के लिए लंबे समय से अमेरिका के समर्थन वाले दो-राष्ट्र के सिद्धांत को छोड़ने का संकेत देते हुये कहा है कि अगर एक राष्ट्र के

India TV News Desk
Published : February 16, 2017 17:55 IST
meeting israel netanyahu trump backs away from commitment...- India TV Hindi
meeting israel netanyahu trump backs away from commitment to palestinian state

वाशिंगटन: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने इस्राइल-फलस्तीन संघर्ष के समाधान के लिए लंबे समय से अमेरिका के समर्थन वाले दो-राष्ट्र के सिद्धांत को छोड़ने का संकेत देते हुये कहा है कि अगर एक राष्ट्र के समाधान से पश्चिम एशिया में शांति स्थापित होती है तो वह इस समाधान का समर्थन कर सकते हैं। इसके साथ ही ट्रंप ने इस्राइल से यहूदी बस्तियों के निर्माण का काम अस्थायी रूप से बंद के लिए कहा है। अमेरिका के दौरे पर आये इस्राइल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू के साथ एक संयुक्त संवाददाता सम्मेलन में ट्रंप ने दोनों दोशों के बीच के अटूट बंधन की सराहना की। ओबामा प्रशासन के दौरान दोनों देशों के द्विपक्षीय संबंधों में गिरावट देखी गई थी।

20 जनवरी को राष्ट्रपति के रूप में शपथ लेने के बाद नेतन्याहू के साथ अपनी पहली बैठक में ट्रंप ने गर्मजोशी के साथ उनसे मुलाकात की। लेकिन ट्रंप ने शिष्टतापूर्वक नेतन्याहू से उस क्षेत्र में बस्तियों के निर्माण के काम को कुछ समय के लिए बंद करने के लिए कहा जिस पर फलस्तीनी अपना दावा करते हैं। अंतरराष्ट्रीय आम सहमति से किनारा करते हुये ट्रंप ने कहा कि वह वैकल्पिक समाधान का स्वागत करेंगे और यह जरूरी नहीं कि इसमें छह दशक लंबे इस्राइल-फलस्तीन संघर्ष के समाधान के लिए दो-राष्ट्र का सिद्धांत शामिल हो। ट्रंप ने कहा, यह कुछ ऐसा है जो बहुत अलग है और इससे पहले इस पर चर्चा नहीं की गई है। वास्तव में यह एक बहुत बड़ा समझौता है- एक अर्थ में यह एक बहुत महत्वपूर्ण समभुौता है।

उन्होंने कहा, मैं दो-राष्ट्र और एक-राष्ट्र की ओर देख रहा हूं लेकिन मुझे वह एक सिद्धांत पसंद होगा जिसे दोनों पक्ष पसंद करेंगे। मैं उस सिद्धांत के साथ बहुत खुश रहूंगा जिसे दोनों पक्ष पसंद करेंगे। मैं किसी एक के साथ जा सकता हूं। उन्होंने कहा कि इस्राइल को भी कुछ लचीलापन दिखाने की जरूरत है। उन्होंने बिना विस्तार में बताये कहा, हम साथ मिलकर काम करेंगे, मुझे लगता है कि एक समझौता किया जाएगा और इस कमरे में बैठे लोग जितना समझते हैं उससे कहीं अधिक बड़ा और बेहतर समझौता हो सकता है। वर्ष 2002 से अमेरिका ने औपचारिक रूप से दो-राष्ट्र के सिद्धांत का समर्थन किया है।

ट्रंप ने कहा कि उनका प्रशासन यरूशलम में अमेरिकी दूतावास ले जाने की सोच रहा है लेकिन उन्होंने निकट भविष्य में इसके पूरे होने का कोई संकेत नहीं दिया। उन्होंने कहा, जहां तक दूतावास को यरूशलम ले जाने की बात है, मैं ऐसा होते हुये देखना पसंद करूंगा। नेतन्याहू ने बस्तियों के निर्माण रोकने संबंधी ट्रंप के अनुरोध को कोई जवाब नहीं दिया लेकिन फलस्तीनियों के साथ शांति के लिए दो पूर्व शर्तों का जिक्र किया। उन्होंने पहली शर्त बताई कि फलस्तीनियों को यहूदी राष्ट्र को मान लेना चाहिए। उन्हें इस्राइल की तबाही का आह्वान करना बंद कर देना चाहिए, उन्हें इस्राइल की तबाही के लिए अपने लोगों को शिक्षित करना बंद करना होगा। उन्होंने दूसरी शर्त बताई कि किसी भी शांति समझौते के तहत जार्डन नदी के पूरे पश्चिमी इलाके का सुरक्षा नियंत्रण इस्राइल के पास रहना चाहिए।

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