वाशिंगटन: विश्व की सात प्रमुख अर्थव्यवस्थाओं ने कोरोना वायरस के संकट से निपटने के लिए सभी उचित उपाय करने का संकल्प लिया लेकिन तत्काल किसी कदम की घोषणा नहीं की। औद्योगिकृत देशों के समूह जी-7 ने मंगलवार को कहा, ‘‘वायरस के प्रभाव को रोकने और मौजूदा परिस्थितियों में अर्थव्यवस्था की मदद करने के लिए जरूरत पड़ने पर वित्तीय उपाय सहित अन्य कदम उठाने को तैयार हैं।’’ अमेरिकी वित्तमंत्री स्टीवन मेनुचिन और फेडरल रिजर्व के अध्यक्ष जेरोम पॉवेल की अध्यक्षता में समूह के सदस्य देशों के वित्तमंत्रियों और केंद्रीय बैंकों के प्रमुखों की आपात बैठक के बाद अमेरिका, जापान, जर्मनी, ब्रिटेन, फ्रांस, इटली और कनाडा ने संयुक्त बयान जारी किया।
उल्लेखनीय है कि जी-7 समूह ने इसी तरह का बयान 11 सितंबर 2001 में अमेरिका पर हुए हमले के बाद शेयर बाजार में आई गिरावट और 2008 के वित्तीय संकट के दौरान भी जारी किया था। जी-7 ने कहा, ‘‘ कोरोना वायरस का वैश्विक विकास पर होने वाले संभावित असर के मद्देनजर हम अपनी प्रतिबद्धता दोहराते हैं कि मजबूत और स्थायी विकास का लक्ष्य हासिल करने और आर्थिक नरमी के खतरे के प्रति रक्षा के लिए सभी उचित नीतिगत उपाय करेंगे।’’ बाजार केंद्रीय बैंकों से ब्याज दरों में कटौती सहित तुरंत और मजबूत कदम उठाने की उम्मीद कर रहा था और जी-7 के बयान के बाद अमेरिकी बाजार में गिरावट देखी गई। निवेशक 17 और 18 मार्च को फेडरल रिजर्व की होने वाली अगली बैठक से पहले ब्याज दर में कटौती की उम्मीद कर रहे हैं।
उल्लेखनीय है कि सोमवार को आर्थिक सहयोग एवं विकास संगठन (ओईसीडी) ने कहा कि कोरोना वायरस की महामारी फैलने से 2008 में आई आर्थिक मंदी के बाद पहली बार इस तिमाही में वैश्विक अर्थव्यवस्था में सिकुड़न आ सकती है। वायरस के असर पर विशेष रिपोर्ट में वैश्विक एजेंसी ने कहा कि विश्व अर्थव्यवस्था के अभी भी इस साल विकास करने और अगले साल गति पकड़ने की उम्मीद है। हालांकि, ओईसीडी ने 2020 के लिए वैश्विक विकास दर 2.4 प्रतिशत रहने की उम्मीद जताई है यह पहले के अनुमान से 0.5 फीसदी कम है।
ओईसीडी के मुताबिक अगर कोरोना वायरस का प्रकोप लंबे समय तक रहता है तो वैश्विक आर्थिक वृद्धि दर 1.5 फीसदी के स्तर पर सिमट सकती है। विशेषज्ञों का मानना है कि कोरोना वायरस अमेरिका सहित 70 देशों में फैल चुका है और इससे अमेरिका के विकास दर में कमी आएगी। कैपिटल इक्नॉमिक्स के अर्थशास्त्रियों ने मंगलवार को कहा कि वे इस साल के लिए अमेरिकी सकल घरेलू उत्पाद वृद्धि दर के पूर्वानुमान को घटाकर 1.8 प्रतिशत कर रहे हैं। यह पिछले साल के दो फीसदी के मुकाबले कम है। उन्होंने उम्मीद जताई है कि फेडरल रिजर्व इस साल के मध्य तक ब्याज दरों में 1.5 प्रतिशत तक कटौती कर सकता है।