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संस्कृति और चीनी भाषा सीख रहे लैटिन अमेरिकी

लैटिन अमेरिका में 'कन्फ्यूसियश इंस्टीट्यूट' न केवल मैंडरिन कोर्स उपलब्ध करवाता है, बल्कि स्थानीय लोगों के लिए सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन भी करता है, जिसका लक्ष्य चीन और देश के बीच एक महत्वपूर्ण पुल का निर्माण करना.....

IANS
Published : May 05, 2016 16:45 IST
latine america
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सैंटियागो: लैटिन अमेरिका में 'कन्फ्यूसियश इंस्टीट्यूट' न केवल मैंडरिन कोर्स उपलब्ध करवाता है, बल्कि स्थानीय लोगों के लिए सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन भी करता है, जिसका लक्ष्य चीन और देश के बीच एक महत्वपूर्ण पुल का निर्माण करना है। चिली के एक शिक्षा निदेशक ने अपने एक साक्षात्कार में यह बात कही। 'कन्फ्यूसियश इंस्टीट्यूट', चीन गणराज्य के शिक्षा मंत्रालय के साथ संबद्ध गैर-लाभकारी सार्वजनिक शैक्षिक संगठन है।

लैटिन अमेरिका में 'कन्फ्यूसियश इंस्टीट्यूट' के सैंटियागो आधारित क्षेत्रीय केंद्र के निदेशक रोबटरे लाफोंतेने ने कहा कि वर्तमान में 70,000 से अधिक लैटिन अमेरिकी क्षेत्र के 45 'कन्फ्यूसियश इंस्टीट्यूट' में मैंडरिन सीख रहे हैं और चीन के सांस्कृतिक कार्यक्रमों में हिस्सा भी लेते हैं।

रोबटरे ने कहा कि चिली पहला ऐसा देश था, जहां आठ साल पहले 'कन्फ्यूसियश इंस्टीट्यूट' की स्थापना हुई थी और अब मेक्सिको, कोस्टा रिका, क्यूबा, पनामा, कोलंबिया, वेनेजुएला, इक्वाडोक, बोलीविया, ब्राजील, अर्जेटीना और उरुग्वे में भी इसकी शाखाएं हैं।

उन्होंने आगे कहा, "इस संस्थान के द्वारा आयोजित सांस्कृतिक गतिविधियों में करीब 10 लाख से अधिक लोग हिस्सा लेते हैं।"

लैटिन अमेरिका के लोगों के लिए चीन एक विदेशी और रहस्यमय स्थल था, लेकिन अब इसमें लोगों की रुचि बढ़ रही है। रोबटरे ने कहा कि उनका क्षेत्रीय केंद्र, चिली के सभी शहरों में 'कन्फ्यूसियश इंस्टीट्यूट' खोल रहा है। इसकी संख्या इस वर्ष के अंत में 14 तक पहुंच जाएगी।

दुनिया के इस हिस्‍से का अतीत काल्‍पनिक कथाओं जैसा लगता है, या फिर किसी चमत्‍कार जैसा। जैसे ही हम लैटिन अमेरिका के बारे में सोचते हैं, तो हमें यह विश्‍व का उभरता हुआ प्रगति ध्रुव के लिये याद आता है। इस क्षेत्र का आर्थिक विकास की एक कहानी एक चमत्कार जैसा लगता है, जिसने इसे निकट और दूर के विदेशी निवेश के लिए एक शक्‍तिशाली आकर्षण का काम किया है।

संयुक्‍त राष्‍ट्र के लैटिन अमेरिका एवं कैरीबिया संबंधी आर्थिक आयोग की रिपोर्ट के अनुसार, वर्ष 2013 में लैटिन अमेरिका का प्रत्‍यक्ष विदेशी निवेश निवल रूप में 179 बिलियन डॉलर था, जो विश्‍व के किसी भी क्षेत्र के लिए उच्‍चतम रिकॉर्ड है।

इस क्षेत्र की आर्थिक प्रगतिशीलता को अनेक कारकों से प्रोत्‍साहन प्राप्‍त हो रहा है जिनमें बढ़ता हुआ राजनीतिक स्‍थायित्‍व, बढ़ता हुआ प्रजातंत्रीकरण, एक उद्यमशील वर्ग का उदय तथा युवा वर्ग की संख्‍या में बढ़ोतरी, जिसमें 30 वर्ष से कम आयु के युवाओं की संख्‍या दक्षिण अमेरिका की जनसंख्‍या की आधी से अधिक है, शामिल हैं। एक मूलभूत अर्थ में, भारत और लैटिन अमेरिका का आर्थिक  मेलजोल बढ़ता जा रहा है,

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