वॉशिंगटन: अमेरिका, भारत, ऑस्ट्रेलिया और जापान के नेताओं ने क्वॉड देशों की पहली बैठक में चीन की तरफ से पेश ‘चुनौतियों’ पर चर्चा की। अमेरिका के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार जेक सुलीवान ने इस बारे में जानकारी देते हुए कहा कि क्वॉड के सदस्य देशों के नेताओं ने यह स्पष्ट किया कि बीजिंग को लेकर उनमें से किसी को भी ‘भ्रम’ नहीं है। माना जा रहा है कि अमेरिकी NSA के इस बयान को चीन हल्के में नहीं लेगा। अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, ऑस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री स्कॉट मॉरीसन और जापान के प्रधानमंत्री योशीहिदे सुगा के बीच शुक्रवार को ऐतिहासिक डिजिटल क्वॉड शिखर सम्मेलन हुआ था।
शिखर सम्मेलन के तुरंत बाद शुक्रवार को व्हाइट हाउस में प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए अमेरिका के शीर्ष अधिकारी ने कहा कि चारों नेता इस वर्ष मिल-बैठकर शिखर सम्मेलन करने पर सहमत हुए हैं। सुलीवान ने कहा कि नेताओं ने दक्षिण और पूर्व चीन सागर में नौवहन की स्वतंत्रता और जोर-जबर्दस्ती से स्वतंत्रता सहित मुख्य क्षेत्रीय मुद्दों, उत्तर कोरिया परमाणु मुद्दा और म्यांमार में तख्तापलट तथा हिंसक दमन पर चर्चा की। चीन के शीर्ष अधिकारियों के साथ बैठक से पहले सुलीवान ने कहा, ‘बैठक में कठिन समय से गुजरने के बावजूद बेहतर भविष्य को लेकर उम्मीदें जताई गईं।’
सुलीवान ने कहा, ‘चारों नेताओं ने चीन की तरफ से पेश चुनौतियों पर चर्चा की और उन्होंने स्पष्ट किया कि उनमें से किसी को भी चीन को लेकर भ्रम नहीं है, लेकिन आज की चर्चा मूल रूप से चीन को लेकर नहीं थी।’ सुलीवान और अमेरका के विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन 18-19 मार्च को चीन के अपने समकक्ष यांग जाइची और विदेश मंत्री वांग यी से अलास्का के एंकरेज में मुलाकात करेंगे।
सुलीवान ने कहा, ‘हमारा प्रयास है कि चीन की सरकार को स्पष्ट रूप से बता दें कि किस तरह से अमेरिका सामरिक स्तर पर आगे बढ़ना चाहता है, हमारे मौलिक हित और मूल्य क्या हैं और उनकी गतिविधियों को लेकर हमारी चिंताएं क्या हैं। स्पष्ट रूप से हमने अपने क्वॉड सहयोगियों की बातें सुनीं; ऑस्ट्रेलिया पर उनका दबाव, सेनकाकू प्रायद्वीप के पास उनका दबाव बनाना, भारत की सीमाओं पर उनकी आक्रामकता की बातों को गौर से सुना।’
पूर्वी लद्दाख में पिछले वर्ष मई से भारत और चीन के बीच वास्तविक नियंत्रण रेखा के पास जारी सैन्य गतिरोध के बीच क्वॉड शिखर सम्मेलन आयोजित हुआ है। क्वॉड नेताओं ने संयुक्त बयान में ‘हमारे समय की चुनौतियों’ को लेकर सहयोग मजबूत करने का संकल्प जताया। सुलीवान ने कहा कि शुक्रवार को क्वॉड शिखर सम्मेलन में ज्यादा ध्यान वर्तमान वैश्विक संकट पर था, जिसमें जलवायु परिवर्तन और कोविड-19 जैसे मुद्दे शामिल थे। कोविड-19 को लेकर चारों नेताओं ने संयुक्त प्रतिबद्धता जताई।