वॉशिंग्टन: उत्तर कोरिया के तानाशाह किम जोंग उन और अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के बीच जल्द ही बैठक होने वाली है। उत्तर कोरियाई अधिकारियों ने अपने अमेरिकी समकक्षों को किम जोंग - उन के अमेरिका के साथ परमाणु निरस्त्रीकरण पर बातचीत करने को तैयार होने की जानकारी दी है। ऐसे में पूरी दुनिया की नजर इन दोनों की मुलाकात पर टिकी हुई है। साथ ही यह भी कहा जा रहा है कि ट्रंप के साथ बैठक किम जोंग की कोई चाल भी हो सकती है। पवहीं दूसरी ओर अगर बात की जाए किम जोंग उन की तो उनकी जान एक ऐसे एटम बम में बसी हुई है जिसकी बदौलत वह अमेरिका जैसी महाशक्ति को चुनौती देने की हिम्मत रखता है। जी हां, वो एटम बम ही है जिसने किम जोंग को अब तक महफूज़ रखा है वो किम जोंग की बैलिस्टिक परमाणु मिसाइलें ही हैं जिन्होंने अभी तक सनकी तानाशाह का बाल भी बांका नहीं होने दिया है। सनकी तानाशाह का परमाणु कवच ही उसे अमेरिका के कोप से बचाए हुए है, वरना अब तक किम जोंग का काम तमाम हो चुका होता। (अब यहां के स्कूलों में लड़के भी पहन सकेंगे स्कर्ट )
किम के एक हाथ में कूटनीति है तो उसके दूसरे हाथ में 'मिशन एटम बम' है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक किम अपनी तबाही की कहानी अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप के हाथों बिल्कुल नहीं लिखवाएगा। अमेरिका की चाल में किम बिलकुल नहीं फंसेगा। उत्तर कोरिया का तानाशाह लीबिया के भूतपूर्व तानाशाह गद्दाफी और इराक के तानाशाह रहे सद्दाम हुसैन के खात्मे का मंजर देखा है इसलिए वो अमेरिका के दबाव में आकर अपने परमाणु हथियारों को कभी नहीं छोड़ेगा वो जल्द ही अपनी परमाणु मिसाइलों से दुनिया को एक बार फिर दहलाएगा। किम का इरादा अपने न्यूक्लियर मिशन से पीछे हटने का जरा भी नहीं है ऐसा कुछ अमेरिकी एक्सपर्ट्स के हवाले से कहा जा रहा है अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति जॉर्ज डब्लू बुश के सलाहकार रह चुके मशहूर पोलिटिकल कमेंटेटर मार्क थिएसन के मुताबिक किम जोंग कभी परमाणु मिशन को नहीं छोड़ेगा। ये कभी सच नहीं होने वाला है किम जोंग ने इतिहास से जरूर सबक लिया होगा। उसने सद्दाम हुसैन के पकड़े जाने और उसकी फांसी का वीडियो भी जरूर देखा होगा किम इस बात को जानता है कि परमाणु हथियारों को छोड़ देने के बाद उसकी ताकत खत्म हो जाएगी।
जॉर्ज डब्लू बुश के पूर्व सलाहकार मार्क थिएसन के मुताबिक किम जोंग ने यूक्रेन का भी इतिहास देखा है। थिएसन का कहना है कि एक समय यूक्रेन के पास करीब 2 हजार परमाणु मिसाइलें थीं...लेकिन रूस के साथ एक समझौते के तहत यूक्रेन ने अपने परमाणु हथियारों को छोड़ दिया फिर रूस ने यूक्रेन पर हमला कर दिया और क्रीमिया पेनिनसुला को हड़प लिया। पूर्व ले. जनरल बेंजामिन सी. फ्रेकले को ये भी आशंका है कि अगर ट्रंप की डिप्लोमेसी फेल हो गई तो किम जोंग नई परमाणु मिसाइल का परीक्षण बहुत जल्द करेगा। इसके बाद सनकी तानाशाह दुनिया को एक ऐसे महाविनाश के रास्ते पर लाकर खड़ा कर देगा जिसकी कोई कल्पना भी नहीं की जा सकती है यानी दक्षिण कोरिया और अमेरिका के साथ तमाम बातचीत की कोशिशों के बावजूद तीसरे विश्व युद्ध का खतरा बना हुआ है। किम जोंग अपने दुश्मनों के खिलाफ परमाणु बमों वाली विनाशलीला कभी भी शुरू कर सकता है।
एक तरफ किम जोंग और ट्रंप की बातचीत और मीटिंग की तैयारियां चल रही हैं, तो दूसरी तरफ युद्ध की भी तैयारियां चल रही हैं। किम के ठिकानों पर परमाणु गतिविधियों को देखे जाने के बाद अमेरिका में भी ये माना जाने लगा है कि किम दुनिया को बातचीत में फंसाकर जल्द ही कोई बड़ा खेल खेल सकता है। ट्रंप के साथ मई में मीटिंग की कवायदें चल रही हैं लेकिन अमेरिका के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार तक को किम पर भरोसा नहीं है वहीं, जापान से लेकर दक्षिण कोरिया के एक्सपर्ट्स तक ये मान रहे हैं कि किम बातचीत के जाल में उलझाकर बहुत जल्द ही नई परमाणु मिसाइल का टेस्ट करने वाला है। फिलहाल ऐसी खबरें आ रही हैं कि किम और ट्रंप की मई में होने वाली मीटिंग से पहले अमेरिका और उत्तर कोरिया के राजनयिक सीक्रेट बातचीत कर रहे हैं।
सीएनएन की रिपोर्ट के मुताबिक, कई अधिकारियों ने ये जानकारी दी है कि दोनों देशों के बीच बातचीत हो रही है। सीआईए डायरेक्टर माइक पोम्पीओ भी मीटिंग की तैयारियों पर नजर रखे हुए हैं। बताया जा रहा है कि अमेरिका और उत्तर कोरिया के अधिकारी किसी तीसरे देश में हाल ही में मिले हैं। दोनों देशों के बीच ये सीक्रेट मीटिंग इस बात के लिए हो रही है कि ट्रंप और किम की मुलाकात की जगह तय की जा सके। हालांकि, उत्तर कोरिया ने अभी तक इस बात का खुलासा नहीं किया है कि तानाशाह किम जोंग का ट्रंप के साथ मुलाकात को लेकर क्या रुख है ना तो अभी तक मई में होने वाली इस महामुलाकात की तारीख ही तय हुई है।