टोरंटो: एक्टिविस्ट करीमा बलोच की कनाडा में संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हो गई है। पाकिस्तान के बलूचिस्तान में सेना की बर्बरता के खिलाफ आवाज उठाने वाली करीमा रविवार से लापता बताई जा रही। उनका शव टोरंटों में पाया गया। 2016 में रक्षाबंधन पर बलोच स्टूडेंट ऑर्गेनाइजेशन की अध्यक्ष करीमा बलोच ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को अपना भाई बताते हुए एक भावुक वीडियो संदेश जारी किया था। करीमा ने एक बार पीएम मोदी से बलूचिस्तान की आवाज बनने की गुहार भी लगाई थी।
करीमा बलूच की हत्या का शक पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई पर है। हालांकि, अभी ये साफ नहीं हो पाया है कि करीमा किसी हादसे का शिकार हुई हैं या उनकी हत्या की गई है। करीमा बलोच को पाकिस्तानी सरकार और सेना के खिलाफ सबसे मुखर आवाज माना जाता था। उन्होंने संयुक्त राष्ट्र में भी बलूचिस्तान में पाकिस्तानी सेना के अत्याचारों के खिलाफ अपनी आवाज बुलंद की थी।
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बीबीसी ने भी 2016 में करीमा बलोच को दुनिया की 100 सबसे प्रेरणादायक और प्रभावशाली महिलाओं में से एक के रूप में नामित किया गया था। उन्होंने साल 2016 में रक्षा बंधन के दिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से बलूचिस्तान का साथ देने की मांग की थी। करीमा कहा था कि नरेंद्र मोदी जी रक्षा बंधन के मौके पर बलूचिस्तान की एक बहन आपको भाई मानकर कुछ कहना चाहती है।
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उन्होंने कहा था, "मैं बलूच स्टूडेंट ऑर्गनाइजेशन की चेयरपर्सन हूं। पाकिस्तान की आर्मी के हाथों बलूचिस्तान में हजारों की तादाद में आज कितने ही भाई लापता हैं या उन्हें मार दिया गया है। बलूचिस्तान की बहनें आज भी अपने भाई की राह ताक रही हैं। रक्षाबंधन के मौके पर बलूचिस्तान की बहनें आपसे गुजारिश करती हैं कि आप अंतरराष्ट्रीय मंचों पर यहां हो रहे नरसंहार का मुद्दा उठाएं।"
बता दें कि संसाधन संपन्न बलूचिस्तान लगातार पाकिस्तान से अलग देश बनाने की मांग कर रहा है। पाकिस्तान की आर्मी यहां के लोगों का नरसंहार कर रही है। हजारों की तादाद में बलूचिस्तानी लोग गायब हो चुके हैं या फिर उन्हें बेवजह जेलों में बंद करके रखा गया है। पाकिस्तान की इस क्रूरता के खिलाफ बलूचिस्तान की करीमा बलूच काफी समय से आवाज उठा रही थीं।