नई दिल्ली: अमेरिका ने हाफिज सईद की गिरफ्तार पर पाकिस्तान की मंशा पर संदेह जताया है। ट्रम्प प्रशासन के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा है कि पिछली बार गिरफ्तारी के बावजूद आतंकवादी समूह लश्कर-ए-तायबा की गतिविधियों पर अंकुश नहीं लग सका था। ट्रम्प प्रशासन का मानना है कि विंडो ड्रेसिंग यानी सिर्फ ऊपरी दिखावे की जगह ठोस कदम उठाना ज़रूरी है। पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने आतंकवाद के सफाये का संकल्प दोहराया है। अमेरिका को यकीन है कि पाकिस्तान की धरती का आतंकवादी समूह इस्तेमाल नहीं कर सकेंगे।
पाकिस्तान के प्रधानमंत्री के अगले सप्ताह निर्धारित अमेरिका के दौरे से पहले एक शीर्ष प्रशासनिक अधिकारी ने शुक्रवार को संवाददाताओं से कहा, “हमने यह पूर्व में भी होते हुए देखा है और हम निरंतर एवं ठोस कार्रवाई चाह रहे हैं, महज दिखावा नहीं।” संयुक्त राष्ट्र द्वारा आतंकवादी घोषित सईद को बुधवार को गिरफ्तार किया गया। यह दिसंबर 2001 के बाद से उसकी सातवीं गिरफ्तारी है।
2001 में भारत की संसद पर हुए आतंकवादी हमले के फौरन बाद उसे गिरफ्तार कर लिया गया था। पाकिस्तान ने आतंकवादी समूह के खिलाफ क्या कदम उठाए हैं और क्या अमेरिका को उनमें भरोसा है, यह पूछे जाने पर अधिकारी ने कहा, “मैं आपको एक बार फिर आश्वस्त करता हूं, पहले की बातों से यह पूरी तरह स्पष्ट है। इन समूहों को पाकिस्तानी सेना की खुफिया सेवाओं से किस तरह का समर्थन मिलता है, इसे लेकर हमें कोई भ्रम नहीं है। इसलिए हम ठोस कार्रवाई चाह रहे हैं।”
अधिकारी ने नाम न बताने की शर्त पर कहा, “मैंने गौर किया कि पाकिस्तान ने कुछ आतंकवादी समूहों की संपत्तियां जब्त करने की प्रतिबद्धता जैसे कुछ शुरुआती कदम उठाए हैं। और निश्चित ही उन्होंने लश्कर-ए-तैयबा के सरगना हाफिज मुहम्मद सईद को गिरफ्तार किया जो 2008 के मुंबई आतंकवादी हमलों के लिए जिम्मेदार है।’’ लेकिन उन्होंने फौरन ही इस बात पर भी ध्यान दिलाया कि यह सातवीं बार है जब सईद को गिरफ्तार किया गया है।
अधिकारी ने कहा कि उसे पूर्व में भी गिरफ्तार किया गया और रिहा किया गया है, इसलिए हम किसी तरह के भ्रम में नहीं रहते। उन्होंने कहा, “इसिलए हम देखना चाहते हैं कि पाकिस्तान इन लोगों के खिलाफ सचमुच कार्रवाई करे।” वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारी ने कहा, “दरअसल हाफिज सईद की पूर्व में हुई गिरफ्तारियों से कोई फर्क नहीं पड़ा है और लश्कर-ए-तैयबा काम कर ही रहा है।”