अमेरिकी चुनाव में डेमोक्रेटिक पार्टी के राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार जो बाइडेन जीत के आंकडें 270 के बेहद करीब पहुंच गए हैं वहीं रिपब्लिकन पार्टी से उनके प्रतिद्वंद्वी डोनाल्ड ट्रंप कानूनी लड़ाई लड़ने के अपने फैसले पर आगे बढ़ गए हैं। बाइडेन बहुमत हासिल करने से महज कुछ कदम दूर हैं।
चूंकि बाइडेन राष्ट्रपति पद के बेहद करीब पहुंच चुके हैं ऐसे में भारतीयों की निगाहें इस बात पर टिकी हैं कि अगर जो बाइडेन सत्ता में आते हैं तो अमेरिका-भारत के रिश्ते किस ओर करवट लेंगे। क्योंकि डोनाल्ड ट्रंप के बयानों को लेकर हमेशा अस्थिरता की स्थिति बनी रहती थी, तो वहीं जो बाइडेन लंबे समय से राजनीति में हैं ऐसे में उनके बयानों को ठोस समझा जाता है।
वर्ष 2008 में भारत और अमेरिका के बीच जो ऐतिहासिक परमाणु डील हुई थी, उस समय जो बाइडेन ने अहम रोल निभाया था। अमेरिकी स्वतंत्रता दिवस पर भारतीय-अमेरिकी समुदाय के लोगों को सम्बोधित करते हुए जो बिडेन ने कहा कि, ‘’15 साल पहले मैं भारत और अमेरिका के बीच होने वाली सिविल न्यूक्लियर डील के लिए जो प्रयास हुए वो मेरी अगुआई में हो रहे थे। मैंने कहा था कि अगर अमेरिका और भारत दोस्त बन जाते हैं तो दुनिया ज्यादा सुरक्षित रहेगी’’।
अपने भाषण में बिडेन ने कहा कि वे चीन और पाकिस्तान के चलते भारत की सीमाओं पर बने खतरे के वक्त भी भारत के साथ हमेशा खड़े रहेंगे। बिडेन ने ये भी कहा कि दक्षिण एशिया में किसी भी तरह का आतंकवाद सहन नहीं होगा, चाहे वो सीमा पार से हो या किसी और तरह से। उन्होंने पाकिस्तान को भी चेतावनी दी कि वो आतंकवाद के लिए अमेरिका का इस्तेमाल करने का प्रयास ना करे।
बाइडेन 1998 में भारत द्वारा किए गए पोखरण परमाणु परीक्षण के समर्थन में भी बयान दे चुके हैं। उस वक्त उन्होंने कहा था कि भारत के रुख को लोगों ने गलत समझा, भारत ऐसा देश नहीं है जो परेशानी करेगा। वो लीबिया, नॉर्थ कोरिया या इराक नहीं है।