वाशिंगटन: अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन ने अफगानिस्तान में हालात को लेकर ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन से बात की। तालिबान के रविवार को अफगानिस्तान की सत्ता पर कब्जा जमा लेने के बाद से किसी अन्य विश्व नेता के साथ बाइडन की यह पहली बातचीत है। व्हाइट हाउस ने कहा कि सोमवार को हुई बातचीत में बाइडन और जॉनसन ने युद्धग्रस्त देश से अपने देश तथा सहयोगी देशों के नागरिकों को निकालने के लिए काम कर रहे ‘‘अपने सैन्य और असैन्य कर्मियों की वीरता तथा पेशेवराना अंदाज की तारीफ की।’’
व्हाइट हाउस ने बताया कि दोनों नेता अफगानिस्तान को भविष्य में मदद और सहयोग देने के बारे में सहयोगी देशों के साथ करीबी समन्वय करने की आवश्यकता पर राजी हुए। जॉनसन के पास जी-7 समूह की अध्यक्षता है और व्हाइट हाउस ने कहा कि वह अफगानिस्तान में आगे के कदम पर चर्चा करने के लिए अगले हफ्ते समूह की ऑनलाइन बैठक बुलाएंगे।
तालिबान के साथ वार्ता पर यूरोपीय यूनियन की नजर, मान्यता देने की कोई योजना नहीं
यूरोपीय यूनियन (ईयू) की अफगानिस्तान पर तालिबान के नियंत्रण के बाद उसे तत्काल मान्यता देने की योजना नहीं है। हालांकि, वह यूरोपीय नागरिकों और ईयू के साथ काम करने वाले अफगानों की सुरक्षित निकासी के लिये उससे बात करेगा। ईयू ने मंगलवार को यह जानकारी दी। यूरोपीय यूनियन में शामिल देशों के विदेश मंत्रियों की बैठक की अध्यक्षता के बाद ईयू के विदेश नीति प्रमुख जोसेप बोरेल ने शरणार्थियों के एक नए पलायन को रोकने में मदद करने के लिए तालिबान के साथ बातचीत शुरू करने के महत्व को भी रेखांकित किया।
बोरेल ने पत्रकारों से कहा, ''हमें काबुल में अधिकारियों के संपर्क में रहना है, फिर चाहे वे कोई भी हों। तालिबान युद्ध जीत चुका है। लिहाजा, हमें उनसे बात करनी होगी। इस वार्ता में विदेशी आतंकवादियों की वापसी को रोकने के तरीकों पर भी चर्चा की जाएगी। यह आधिकारिक मान्यता की बात नहीं है। यह तालिबान के साथ समझौते का मामला है।''