वॉशिंगटन: अमेरिकी रक्षामंत्री जेम्स मैटिस प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के शांगरी-ला में दिए गए उस भाषण के फैन हो गए हैं जिसमें उन्होंने बड़े देशों द्वारा छोटे देशों को कर्ज के बोझ तले दबा देने की आलोचना की थी। मैटिस ने बड़े कर्जों के बारे में बोलने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की प्रशंसा करते हुए कहा कि उन्होंने उन कर्जों को स्वीकृति देने के खतरे के बारे में एक अच्छा पहलू उठाया है जो ‘वास्तव में दिखने में बहुत अच्छे होते हैं।’ मैटिस ने शनिवार को सिंगापुर में शांगरी-ला वार्ता से इतर मोदी से मुलाकात की थी। मोदी ने इस वार्षिक शिखर वार्ता को संबोधित किया था।
अमेरिकी रक्षा मंत्री ने कहा, ‘मुझे भारत (मोदी) का वह भाषण याद है। ऐसा लग रहा था जैसे मैं पुराने समय के व्यक्ति को सुन रहा हूं। मुझे लगा वह बहुत महान हैं। मुझे बड़े कर्ज के बारे में उनकी बात अच्छी लगी।’ उन्होंने कहा, ‘बड़ा कर्ज...और मैं अपने कमरे में वापस जाने के बाद रात में उसके बारे में सोच रहा था कि आप बेनेट वाली राइफल से लैस एक सैनिक की तुलना में कर्ज से अपनी संप्रभुत्ता और आजादी ज्यादा गंवा सकते हैं। आप आर्थिक रूप से इसे गंवा सकते हैं।’ इस बीच, पेंटागन के प्रवक्ता कैप्टन जेफ डेविस ने कहा कि भारत और अमेरिका ने मजबूत द्विपक्षीय रणनीतिक साझेदारी पर बातचीत की और क्षेत्र में शांति, स्थिरता एवं समृद्धि कायम करने की दिशा में अपनी प्रतिबद्धता की पुष्टि की।
गौरतलब है कि मोदी ने उन सरकारों की आलोचना की थी जो दूसरे देशों को ऐसे कर्ज के बोझ तले दबा देते हैं जिन्हें चुका पाना असंभव होता है। इसके लिए उन्होंने विवादित दक्षिण चीन सागर में चीन के व्यवहार और उसकी बेल्ट ऐंड रोड पहल जैसी ढांचागत परियोजनाओं का जिक्र किया जिसमें दूसरे देशों को कर्ज देना शामिल है। खबरों के अनुसार, चीन ने श्रीलंका और पाकिस्तान जैसे देशों को बड़ा कर्ज दिया है जो उन पर बोझ बन गया है।