काहिरा: आतंकी गुट इस्लामिक स्टेट ने अमेरिका के लास वेगस में कल हुई भीषण गोलीबारी की जिम्मेदारी ली है लेकिन उसने अपने इस दावे के पक्ष में कोई सबूत पेश नहीं किया है। गुट का कहना है कि हमलावर सैनिक ने कुछ माह पहले ही इस्लाम धर्म स्वीकार किया था। हमले के कारणों का पता लगा रहे अधिकारियों का कहना है कि प्राथमिक जांच में हमले के अंतरराष्ट्रीय आतंकवाद से संबंध होने के कोई सबूत नहीं मिले हैं। चरमपंथी समूह पहले भी बढ़ा-चढ़ाकर या गलत दावे कर चुका है। (मेक्सिको बस दुर्घटना में 15 लोगों की मौत, 37 घायल)
समूह की समाचार एजेंसी अमाक ने गोलीबारी की घटना के कुछ घंटों बाद दो बयान जारी किये। समूह ने बाद में यह बयान स्पेनिश भाषा में भी जारी किया। रविवार रात को वेगास स्टि्रप में एक म्यूजिक कॉन्सर्ट के दौरान एक व्यक्ति द्वारा की गई गोलीबारी में कम से कम 59 लोग मारे गए और 500 से अधिक लोग घायल हो गए थे। कुछ घंटे बाद जारी किए गए अपने तीसरे बयाने में आईएस ने कथित हमलावर का नाम अबू अब्द अल-बर अल-अमरिकी बताया। बयान में कहा गया है कि उसने यह हमला समूह के शीर्ष नेता अबू बकर अल-बगदादी के कहने पर किया। बगदादी ने उसे इराक और सीरिया में चरमपंथी समूह के खिलाफ लड़ाई लड़ रहे गठबंधन के देशों को निशाना बनाने को कहा था।
बयान में कहा गया है कि हमलावर ने अपना गोलाबारूद खत्म होने से पहले 600 लोगों को हताहत किया और फिर खुद शहीद हो गया। पुलिस ने हमलावर की पहचान नेवाडा के मेस्टिो निवासी स्टीफन क्रेग पेडॉक 64 साल के तौर पर की है। पुलिस के अनुसार, गोलीबारी के बाद हमलावर ने खुद को मार डाला। अधिकारियों ने न तो इस व्यक्ति की धार्मिक पृष्ठभूमि के बारे में कोई टिप्पणी की है और न ही हमले के कारण के बारे में कुछ कहा है। आईएस के ज्यादातर हमलों को पेडॉक की तुलना में कम उम्र के लोगों ने अंजाम दिया है।