वॉशिंगटन: इस्लामिक स्टेट की बर्बरता और अत्याचार के एक के बाद एक किस्से सामने आ रहे हैं। यूएन के एक अधिकारी ने एक न्यूज वेबसाइट को दिए इंटरव्यू में कहा है कि आईएस आतंकी लड़कियों और महिलाओं को रेप और वेश्यावृति के लिए मजबूर कर रहे हैं।
संघर्ष वाले क्षेत्र में यौन अपराधों पर नजर रखने वाले यूएन के विशेष प्रतिनिधि जैनाब बांगुरा ने हाल ही में हिंसाग्रस्त सीरिया और इराक के राहत शिविरों का दौरा किया। उन्होंने वहां रह रही महिलाओं और लड़कियों से बात कर उनकी भयानक आपबीती सुनी। महिलाओं के इन किस्सों को बांगुरा ने अपने इंटरव्यू में साझा किया है।
बांगुरा के मुताबिक, राहत कैंपों में रह रहीं महिलाओं का कहना है, 'किसी गांव पर हमला करने के बाद आईएस आतंकी महिलाओं और लड़कियों को अलग कर लेते थे और बंधक बना लेते थे। लड़कियों के कपड़े उतरवाकर उनकी वर्जिनिटी की जांच की जाती थी। लड़कियों को रक्का (आईएस कब्जे वाला शहर) ले जाया जाता था, जहां उन्हें बेचा जाता है। वर्जिन और जवान लड़कियों की कीमत ज्यादा मिलती है। लड़कियों को बेचने के मामले में भी प्राथमिकताएं तय होती हैं। लड़कियों को खरीदने का पहला अधिकार शेखों का है, उसके बाद अमीरों का बारी आती है। शेख करीब एक महीने तक लड़की को अपने पास रखते हैं और बाद में बाजार में बेच देते हैं। '
बांगुरा के मुताबिक, 22 बार बेची गई एक लड़की ने उन्हें बताया, 'एक शेख ने उसकी बांह पर ही अपना नाम लिख दिया था, ताकि सभी को यह पता चल सके कि वह उसकी 'संपत्ति' है।'
एक अनुमान के मुताबिक, आईएस द्वारा बंधक बनाई गईं लड़कियों और महिलाओं की संख्या तीन से पांच हजार के बीच है। बांगुरा के मुताबिक, एक लड़की जो किसी तरह बचकर राहत कैंप पहुंचीं, ने उन्हें बताया, 'वह रेप करते, यौन दासियां बनाकर रखते और वेश्यावृत्ति के लिए धकेल देते। आईएस आतंकी से एक लड़की ने जब सेक्स करने से मना कर दिया उसे जिंदा जला दिया गया।'
बांगुरा ने अंतरराष्ट्रीय समुदाय से हिंसाग्रस्त क्षेत्र में महिलाओं और लड़कियों को आईएस के चंगुल से निकालने और उनकी मदद अपील की है।