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हिलेरी क्लिंटन: अमेरिका इतिहास रचने के करीब?

वाशिंगटन: अमेरिका के इतिहास में हिलेरी रोढम क्लिंटन का डेमोक्रेटिक पार्टी उम्मीदवार बनना एक ऐतिहासिक घटना है। भले ही संयुक्त राज्य अमेरिका, विश्व की सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था हो, दुनिया का दारोगा कहलाए लेकिन 4 जुलाई

India TV News Desk
Updated : July 31, 2016 19:03 IST
hillary clinton- India TV Hindi
hillary clinton

वाशिंगटन: अमेरिका के इतिहास में हिलेरी रोढम क्लिंटन का डेमोक्रेटिक पार्टी उम्मीदवार बनना एक ऐतिहासिक घटना है। भले ही संयुक्त राज्य अमेरिका, विश्व की सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था हो, दुनिया का दारोगा कहलाए लेकिन 4 जुलाई 1776 को स्वतंत्र होने के बाद आज तक किसी भी महिला को देश का मुखिया नहीं बना सका।

वजह चाहे जो रही हो, और यह अलग विषय है लेकिन अमेरिका जैसे देश में पहली बार, फिलाडेल्फिया में हुए डेमोक्रेटिक पार्टी के राष्ट्रीय सम्मेलन में पार्टी प्रतिनिधियों ने हिलेरी क्लिंटन को राष्ट्रपति पद के लिए अपना आधिकारिक उम्मीदवार नामित कर महिला राष्ट्रपति बनने का रास्ता जरूर साफ कर दिया है।

उन्हें 4764 डेलीगेट्स में 2842 वोट हासिल हुए। निश्चित रूप से दुनिया के विकासशील और बहुत से पिछड़ों देशों के मुकाबले अमेरिका में किसी महिला को राष्ट्रपति पद का दावेदार बनने में इतने साल लगे जो अपने आप में बड़ा सवाल है? अन्य देशों की तरह अमेरिका में भी व्यक्ति शब्द की व्याख्या का इतिहास दुनिया से अलग नहीं था। महिलाएं वहां भी निश्चित रूप से शोषित, उत्पीड़ित थीं।

अमेरिकी उच्चतम न्यायालय ने ब्राडवेल बनाम इल्लिनाइस सन् 1873 के फैसले में व्यवस्था दी कि विवाहित महिलाएं 'व्यक्ति' की श्रेणी में नहीं हैं और वकालत नहीं कर सकतीं। इसके बाद दो वर्ष के अंतराल में माइनर बनाम हैपियर सेट के मामले में अमेरिकी उच्चतम न्यायालय ने यह तो माना कि महिलाएं नागरिक हैं लेकिन यह भी कहा कि वे विशेष श्रेणी की नागरिक हैं अत: उन्हें मत डालने का अधिकार नहीं हैं।

अमेरिका में 21 वर्ष उम्र की महिलाओं को मत देने की अनुमति पहली बार 19वीं शताब्दी में, 1920 में मिली वह भी 19वें संविधान संशोधन के बाद। लेकिन आज परिस्थितियां भिन्न हैं। वहां अब महिलाएं बराबरी पर हैं तो जरूर फिर भी अमेरिका से बहुत पीछे दूसरे देशों के मुकाबले, देश के मुखिया पद तक नहीं पहुंच सकीं। पहली बार रास्ता आसान हुआ है।

कुछ भी हो, अब अमेरिका में कम से कम महिलाओं को उनके आत्मसम्मान का मान और भी बढ़ा लगेगा। 26 अक्टूबर 1947 को जन्मीं हिलेरी रोढम क्लिंटन ने 2008 में भी डेमोक्रेटिक पार्टी की ओर से उम्मीदवारी पेश की थी, लेकिन बराक ओबामा से पिछड़ गईं और बराक ओबामा दोबारा राष्ट्रपति बन गए।

नवंबर में होने जा रहे राष्ट्रपति चुनाव में हिलेरी का मुकाबला रिपब्लिकन पार्टी के उम्मीदवार डोनाल्ड ट्रंप से होगा। हिलेरी क्लिंटन अमेरिका में एक मजबूत दावेदार के रूप में देखी जा रही हैं। वह सीनेटर भी रहीं, अमेरिका के 42वें राष्ट्रपति की पत्नी हैं अर्थात देश के पहली महिला बनने का भी गौरव उन्हें पहले से प्राप्त है।

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