वॉशिंगटन: अमेरिका और अफगान सैनिकों ने अप्रैल में एक अभियान में अफगानिस्तान के आंतकी समूह इस्लामिक स्टेट से जुडे एक सरगना को मार गिराया। अमेरिकी सैन्य अधिकारियों ने इसकी पुष्टि की है। अमेरिकी बलों ने कल कहा कि नांगरहार प्रांत में चलाये गये अभियान में अब्दुल हसीब को निशाना बनाया गया। उसका समूह इस्लामिक स्टेट इराक एंड सीरिया से जुड़ा हुआ है, जिसे अमेरिकी सेना आईएस-के नाम से पहचान करती है। (फ्रांस राष्ट्रपति चुनाव: विश्व नेताओं और राजनीतिक दिग्गजों ने दी मैकरॉन को बधाई)
अमेरिका अफगानिस्तान सैन्य बलों ने पहले कहा था कि यदि हसीब और उसके सहयोगियों के मारे जाने की पुष्टि होती है तो यह अफगानिस्तान में आईएस-के हमलों को कमजोर कर देगा और 2017 के अंत तक आतंकी संगठन को समाप्त करने के लक्ष्य में मदद करेगा। यह स्थान एक सुरंग के पास था, जहां 13 अप्रैल को अमेरिकी सेना ने मदर ऑफ बॉम्ब्स जीबीयू-43,बी गिराया था। पेंटागन ने बताया कि यह अब तक का सबसे बड़ा गैर परमाणु हथियार संघर्ष था। अफगानिस्तान सरकार ने 27 अप्रैल को हसीब की मौत की पुष्टि की।
एक सरकारी बयान में बताया गया उसने काबुल में 400 बिस्तरों के एक अस्पताल पर हमले का आदेश दिया था। जिसके परिणामस्वरूप बड़ी संख्या में हमारे देशवासियों, महिलाओं की मौत हुई और घायल हुए। जब तक दाएश और अन्य आतंकी संगठनों का समूल विनाश नहीं हो जाता, अफगान सरकार इन आतंकी सगंठनों के खिलाफ अभियान चलाने को प्रतिबद्ध है। पेंटागन का अनुमान है कि लगभग 1,000 आईएसआईएस लड़ाके अफगानिस्तान में है। अमेरिकी सैन्य आंकड़े दिखाते हैं कि 2015 में जिहादियों ने यहां अपनी पकड़ बनाई थी लेकिन अब उनकी संख्या घटकर आधी रह गयी है।