तेहरान/वॉशिंगटन: ओमान सागर में गुरुवार को संदिग्ध हमलों के बाद 2 टैंकरों में आग लग गई, हालांकि चालक दल के सदस्यों को किसी तरह बचा लिया गया। इन हमलों के चलते अब व्यापक संघर्ष का खतरा पैदा हो गया है और इससे तेल की कीमतों में भी बढ़ोतरी हुई है। अमेरिकी क्रूड की कीमतों में भी 4.5 पर्सेंट की बढ़ोतरी हो गई। टैकरों पर यह हमला पारस की खाड़ी के करीब ओमान सागर में हुआ है, जहां से दुनिया भर में कच्चे तेल की करीब 40 प्रतिशत मात्रा की सप्लाई होती है।
अमेरिका ने ईरान को ठहराया जिम्मेदार
अमेरिका ने इन हमलों के लिए ईरान को जिम्मेदार ठहराया है। इससे पहले मई में हुए हमले को लेकर भी अमेरिका ने ईरान पर ही आरोप लगाए थे। गुरुवार को जिन तेल टैकरों पर हमले हुए उनमें से एक नॉर्वे और एक सिंगापुर का बताया जा रहा है। अमेरिकी विदेश मंत्री माइक पोम्पियो ने एक बयान में कहा है कि इंटेलिजेंस के मुताबिक इस अटैक में ईरान का ही हाथ है। पोम्पियो के इस बयान के चलते इस इलाके में एक बार फिर युद्ध के बादल मंडराते हुए दिख रहे हैं।
ईरान ने दिया यह बयान
वहीं, ईरान ने कहा कि उसकी नौसेना ने आग पकड़ चुके अत्यंत ज्वलनशील सामग्री ले जा रहे 2 टैंकरों से चालक दल के 44 सदस्यों को बचाया है। टीवी पर प्रसारित खबरों में एक टैंकर से गहरा काला धुआं निकलते दिखाया गया है। ईरानी विदेश मंत्री मोहम्मद जवाद ज़रीफ़ ने गुरुवार को कहा कि जापान के प्रधानमंत्री के यहां वार्ता करने के तुरंत बाद ईरानी तट पर 2 टैंकरों पर हमलों के व्यापक निहितार्थ होने का उन्हें संदेह है। बहरीन में तैनात अमेरिका के पांचवें बेड़े ने कहा कि उनके युद्धपोतों को दोनों पोतों से अलग-अलग आपात संदेश प्राप्त हुए।
यूएन ने कहा, तनाव सहने की स्थिति में नहीं है दुनिया
वाइट हाउस ने कहा कि राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को संदिग्ध हमलों के बारे में जानकारी दी गई और सरकार स्थिति का आकलन कर रही है। संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंतोनियो गुतारेस ने ओमान की खाड़ी में 2 तेल टैंकरों पर संदिग्ध हमले के आलोक में गुरूवार को कहा कि विश्व खाड़ी के किसी बड़े तनाव को सहने की स्थिति में नहीं है। फ्रंट आल्टेयर एक लाख 11 हजार टन क्षमता वाला तेल टैंकर है, घटना के बाद इसमें आग लग गई और वहां पर आपातकालीन चालक दल को देखा गया।