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भारतीय मूल की लड़की ने किया नासा के पहले मंगल हेलीकॉप्टर का नामकरण

अमेरिका की अंतरिक्ष एजेंसी नासा के पहले मंगल हेलीकॉप्टर को अब नाम मिल गया है और इसका श्रेय भारतीय मूल की 17 वर्षीय लड़की वनीजा रूपाणी को मिला है।

Edited by: IndiaTV Hindi Desk
Updated on: April 30, 2020 18:29 IST
Indian-origin girl names NASA's first Mars helicopter- India TV Hindi
Image Source : TWITTER/ NASA Indian-origin girl names NASA's first Mars helicopter

वाशिंगटन: अमेरिका की अंतरिक्ष एजेंसी नासा के पहले मंगल हेलीकॉप्टर को अब नाम मिल गया है और इसका श्रेय भारतीय मूल की 17 वर्षीय लड़की वनीजा रूपाणी को मिला है। नॉर्थपोर्ट, अल्बामा से ताल्लुक रखने वाली जूनियर हाईस्कूल छात्रा रूपाणी को यह श्रेय तब मिला जब उन्होंने नासा की ‘नेम द रोवर’ प्रतियोगिता में अपना निबंध जमा किया। यांत्रिक ऊर्जा और प्रणोदन प्रणाली से युक्त नासा के मंगल हेलीकॉप्टर को आधिकारिक रूप से नामकरण के बाद अब ‘इंजनुइटी’ कहा जाएगा। रूपाणी ने ही इस विमान के लिए यह नाम सुझाया था जिसे स्वीकार कर लिया गया। 

नासा ने मार्च में घोषणा की थी कि उसके अगले रोवर का नाम ‘पर्सविरन्स’ होगा जो सातवीं कक्षा के छात्र एलेक्जलेंडर मैथर के निबंध पर आधारित है। एजेंसी ने मंगल ग्रह पर रोवर के साथ जाने वाले हेलीकॉप्टर का नामकरण करने का भी निर्णय किया था। नासा ने ट्वीट किया, ‘‘हमारे मार्स हेलीकॉप्टर को नया नाम मिल गया है। मिलिए: इंजनुइटी से। छात्रा वनीजा रूपाणी ने ‘नेम द रोवर’ प्रतियोगिता के दौरान नामकरण किया। ‘इंजनुइटी’ दूसरी दुनिया में पहली यांत्रिक ऊर्जा उड़ान के प्रयास के तहत लाल ग्रह पर ‘पर्सविरन्स’ के साथ जाएगा।’’ नासा ने इस संबंध में बुधवार को घोषणा की। 

अंतरिक्ष एजेंसी के अनुसार रूपाणी की प्रविष्टि 28 हजार निबंधों में शामिल थी जिसमें अमेरिका के प्रत्येक राज्य और क्षेत्र के छात्रों ने हिस्सा लिया। नासा द्वारा जारी विज्ञप्ति के अनुसार रूपाणी ने अपने निबंध में लिखा, ‘‘इंजनुइटी वह चीज है जो अद्भुत चीजें सिद्ध करने में लोगों की मदद करता है। यह ब्रह्मांड के हर कोने में हमारे क्षितिजों को विस्तारित करने में मदद करेगा।’’ 

उनकी मां नौशीन रूपाणी ने कहा कि उनकी बेटी बचपन से ही अंतरिक्ष विज्ञान में रुचि रखती थी। ‘इंजनुइटी’ और ‘पर्सविरन्स’ के जुलाई में प्रक्षेपण का कार्यक्रम है और ये अगले साल फरवरी में मंगल ग्रह के जेजेरो गड्ढे में उतरेंगे जो 3.5 अरब वर्ष पूर्व अस्तित्व में आई एक झील का स्थल है। नासा ने कहा कि रोवर जहां मंगल के नमूने एकत्र करेगा, वहीं हेलीकॉप्टर वहां उड़ने की कोशिश करेगा और यदि सबकुछ ठीक रहा तो यह भविष्य के मंगल अन्वेषण अभियानों में हवाई आयाम को जोड़ेगा।

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