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UN: पाकिस्तान ने उठाया कश्मीर मुद्दा, भारत की मिनी देवी ने दिया करारा जवाब

'दुनिया को लोकतंत्र और मानवाधिकार पर ऐसे किसी देश से कोई पाठ नहीं चाहिए, जिसकी खुद की हालत बदतर हो'

Reported by: IANS
Updated on: March 10, 2018 19:54 IST
Indian diplomat Mini Devi Kumam drills Pakistan at UNHRC- India TV Hindi
Indian diplomat Mini Devi Kumam drills Pakistan at UNHRC

संयुक्त राष्ट्र: जेनेवा में संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद बैठक में शुक्रवार को लगातार दूसरे दिन पाकिस्तान द्वारा कश्मीर मुद्दा उठाने पर प्रतिक्रिया देते हुए भारत ने पाकिस्तान को विफल देश बताते हुए उसकी निंदा की। भारत ने कहा कि पाकिस्तान में आतंकवाद फल फूल रहा है और ओसामा बिन लादेन को वहां सुरक्षा प्राप्त थी। साथ ही भारत ने मुंबई, पठानकोट और उरी हमले के अपराधियों को सजा दिलाने की मांग की। जेनेवा में भारत की संयुक्त राष्ट्र मिशन की दूसरी सचिव मिनी देवी कुमम ने कहा, ‘पाकिस्तान में आतंकी फलफूल रहे हैं और भयमुक्त होकर सड़कों पर इधर-उधर घूम रहे हैं, भारत में मानवाधिकारों की सुरक्षा को लेकर हमने उनका लेक्चर सुना था।’

उन्होंने कहा, ‘हम 2008 मुंबई हमले और 2016 पठानकोट और उरी हमले में शामिल लोगों को न्याय के कटघरे में लाने के लिए पाकिस्तान सरकार की ओर से विश्वसनीय कार्रवाई का इंतजार कर रहे हैं। दुनिया को लोकतंत्र और मानवाधिकार पर ऐसे किसी देश से कोई पाठ नहीं चाहिए, जिसकी खुद की हालत बदतर हो। उन्होंने पाकिस्तान को विफल राज्य करार दिया।’ कुमम, जेनेवा में पाकिस्तान के संयुक्त राष्ट्र उपस्थायी प्रतिनिधि ताहिर अंद्राबी के वक्तव्य पर प्रतिक्रिया दे रही थीं। ताहिर ने शुक्रवार को कहा था कि जवाहर लाल नेहरू ने कश्मीर में जनमत संग्रह कराने की बात कही थी। अंद्राबी ने कहा था कि कश्मीर समस्या का मुख्य बिंदु जनमत का फैसला होना चाहिए, जिसे भारत के पहले प्रधानमंत्री ने प्रदान किया था और जिन्हें भारत के संस्थापक के रूप में जाना जाता है और संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के माध्यम से जनमत संग्रह कराया जाना चाहिए।

कुमम ने कहा, ‘जम्मू एवं कश्मीर पर पाकिस्तान संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के प्रस्तावों का जिक्र करता रहा है। हालांकि वह यह भूल जाता है कि इस प्रस्ताव के तहत उसे पहले पाक अधिकृत कश्मीर को खाली करना होगा। 1972 शिमला समझौते व फरवरी 1999 को लाहौर घोषणा पत्र के तहत वह अपनी अन्य प्रतिबद्धताओं से मुकर जाता है। इसके बावजूद, उसने सीमा पार भारत में आतंकवाद को समर्थन देना जारी रखा है। यह असाधारण सी बात है कि पाकिस्तान ने ओसामा बिन लादेन को सुरक्षा और मुल्ला उमर को आश्रय दिया हुआ था। संयुक्त राष्ट्र द्वारा नामित आतंकी जैसे हाफिज सईद देश के समर्थन से खुलेआम अपनी गतिविधियों का संचालन कर रहे हैं जो परिषद के नियमों का घोर उल्लंघन है। इसके साथ ही संयुक्त राष्ट्र द्वारा नामित संस्थाएं पाकिस्तान की राजनीति की मुख्यधारा में शामिल हो रही हैं।’

अंद्राबी ने कश्मीर में मानवता के खिलाफ अपराध और नियंत्रण रेखा व देश की सीमा पर संघर्षविराम उल्लंघन में बढ़ोतरी के लिए भी भारत पर आरोप लगाया और इसे विभाजनकारी रणनीति करार दिया। उन्होंने गुरुवार को कहा कि भारत द्वारा मानवाधिकार उल्लंघन दस्तावेजों में गड़बड़ी और जम्मू एवं कश्मीर में अवैध कब्जे की मूल समस्या को पहचानने के लिए मानवाधिकार आयोग का कार्यालय गलत नहीं हो सकता। कुमम ने जवाब में कहा, ‘लेकिन जम्मू एवं कश्मीर की मुख्य समस्या है आतंकवाद, जिसे पाकिस्तान और उसके इलाकों से लगातार समर्थन मिल रहा है और वह उसे अपने नियंत्रण में कर रहा है। हम परिषद से आग्रह करते हैं कि वह पाकिस्तान से सीमा पार घुसपैठ और विशेष आतंकी इलाकों, सुरक्षित आश्रयों और ठिकानों को नष्ट करने का आह्वान करे। आतंकवाद मानवाधिकार का सबसे बड़ा उल्लंघन है।’

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