संयुक्त राष्ट्र: भारत ने जेनेवा में इस्लामाबाद की ओर से कश्मीर समस्या को संयुक्त राष्ट्र मानवधिकार परिषद ( UNHRC) के समक्ष उठाने के प्रयास को खारिज करते हुए कहा कि पाकिस्तान द्वारा सीमापार से आतंकवाद कश्मीर में मौजूदा समस्या की वजह है और पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर में भी लोग इस वजह से पीड़ित हैं। जेनेवा में भारत के संयुक्त राष्ट्र मिशन के प्रथम सचिव सुमित सेठ ने मंगलवार को भारत पर पाकिस्तान की ओर से लगाए गए आरोपों के जवाब में कहा, "पाकिस्तान द्वारा क्षेत्रीय अस्थिरता के लिए 'आतंकवाद को राष्ट्रीय नीति' बनाने के बावजूद जम्मू और कश्मीर भारत का अभिन्न अंग है और हमेशा रहेगा।"
उन्होंने कहा, "जम्मू और कश्मीर में मौजूदा स्थिति पाकिस्तान की ओर से सीमा पार से आतंकवाद बढ़ाने की वजह से है। इस विकट परिस्थिति में भी भारतीय सुरक्षा बलों का बलिदान उनके अपार संयम को दिखाता है।" वहीं जेनेवा में पाकिस्तान के स्थायी प्रतिनिधि फारूक आमिल ने पाकिस्तान की तरफ से यह मुद्दा उठाया। संयुक्त राष्ट्र में मानवधिकार कमिशनर जैद राड अल हुसैन ने सोमवार को भारत और पाकिस्तान दोनों की यह कहकर आलोचना की थी कि दोनों देश कश्मीर में तथ्य तलाशने वाली टीम को जाने की इजाजत नहीं देते हैं।
आमिल ने हुसैन के आरोपों की आलोचना करते हुए कहा कि अत्याचार और मानवधिकार उल्लंघन भारत के कश्मीर में हुए हैं हमारे कश्मीर में नहीं, इसलिए अल हुसैन का बयान तथ्यों पर आधारित नहीं है। सेठ ने कहा कि भारत कश्मीर के लोगों के मानवधिकार का सम्मान करता है और यहां कानून को स्थापित करने के लिए स्वतंत्र न्यायिक प्रक्रिया के रूप में एक मजबूत संस्थागत ढांचा बना हुआ है।