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गुटनिरपेक्ष शिखर सम्मेलन में भारत ने आतंकवाद के खिलाफ आवाज उठाई

पोर्लामर: गुटनिरपेक्ष शिखर सम्मेलन में यहां आतंकवाद के खिलाफ कड़ा रूख अपनाते हुए भारत ने आज कहा कि आतंकवाद से लड़ने के लिए ठोस कार्रवाई जरूरी है। इसके साथ ही भारत ने 120 देशों के

India TV News Desk
Published : September 18, 2016 10:17 IST
hamid ansari- India TV Hindi
hamid ansari

पोर्लामर: गुटनिरपेक्ष शिखर सम्मेलन में यहां आतंकवाद के खिलाफ कड़ा रूख अपनाते हुए भारत ने आज कहा कि आतंकवाद से लड़ने के लिए ठोस कार्रवाई जरूरी है। इसके साथ ही भारत ने 120 देशों के समूह से कहा कि वह आतंकवाद से निपटने के लिए प्रभावी सहयोग सुनिश्चित करे। 17वें गुटनिरपेक्ष शिखर सम्मेलन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की गैर मौजूदगी में भारतीय प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व कर रहे उपराष्ट्रपति हामिद अंसारी ने कहा कि आतंकवाद आज मानवाधिकारों के उल्लंघन के सबसे प्रबल स्रोतों में से एक है और इसका इस्तेमाल सरकारी नीति के एक अस्त्र के तौर पर किया जाना भी समान रूप से निंदनीय है।

अंसारी ने ब्लॉक की समग्र बैठक को संबोधित करते हुए कहा कि अब वक्त आ गया है कि हमारा आंदोलन आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में ठोस कदम उठाने की जरूरत को रेखांकित करे। उन्होंने कहा, हमें हमारे आंदोलन के भीतर एक ऐसी व्यवस्था स्थापित करनी है जो सुरक्षा, संप्रभुता एवं विकास पर मंडराने वाले प्रमुख खतरे यानी आतंकवाद से मुकाबले में प्रभावी सहयोग सुनिश्चित करे।

अंसारी की ये टिप्पणियां एक ऐसे समय पर आई हैं, जब भारत पाकिस्तान द्वारा सीमा पार से आतंकवाद को सहयोग दिए जाने से जुड़ी अपनी चिंता को विभिन्न अंतरराष्ट्रीय मंचों पर उठा रहा है। प्रधानमंत्री मोदी ने हांग्झोउ में हुए जी20 सम्मेलन में, हांग्झोउ में हुई ब्रिक्स बैठक में और लाओ पीडीआर में हुए आसियान एवं पूर्वी एशिया सम्मेलनों में पाकिस्तान का नाम लिए बिना ही उसके द्वारा आतंकवाद को दिए जाने वाले सहयोग की ओर इशारा किया था।

आतंकवाद को अंतरराष्ट्रीय शांति एवं देशों की संप्रभुता के लिए सबसे बड़ा खतरा बताते हुए अंसारी ने कहा कि वजह कोई भी हो, राजनीतिक लक्ष्य को हासिल करने के लिए या नीतियों में बदलाव के लिए मासूम नागरिकों की अंधाधुंध हत्या को उचित नहीं ठहराया जा सकता। उन्होंने कहा कि आतंकवाद विकास की राह में एक बड़ा रोड़ा बन गया है। उन्होंने कहा, इसलिए गुटनिरपेक्ष आंदोलन के लिए यह जरूरी है कि वह अंतरराष्ट्रीय समुदाय को इस खतर से निपटने के लिए एकजुट करे। इस क्रम में आतंकवाद पर संयुक्त राष्ट्र के समग्र समझौते के मसविदे को अंगीकार किया जाना और आतंकवाद से निपटने के लिए अंतरराष्ट्रीय समुदाय के बीच करीबी सहयोग सुनिश्चित किया जाना जरूरी है।

अंसारी ने कहा, हमें यह भी सुनिश्चित करना चाहिए कि संयुक्त राष्ट्र के वैश्विक आतंकवाद रोधी रणनीति का आधार कहलाने वाले सभी मौजूदा ढांचे एक निष्पक्ष एवं पेशेवर तरीके से काम करें। इससे पहले गुटनिरपेक्ष देशों के विदेश मंत्रियों की बैठक में विदेश राज्य मंत्री एम जे अकबर ने भी इस समूह के देशों से अपील की कि वे वैश्विक शांति, स्थिरता एवं समृद्धि की हिफाजत के लिए आतंकवाद पर एक कार्यकारी समूह का गठन करें।

अकबर ने पाकिस्तान पर अप्रत्यक्ष निशाना साधते हुए कहा, जो सरकारें सोचती हैं कि वे गुटनिरपेक्ष शिखर सम्मेलन में बोल सकती हैं और दूसरे तरीकों से युद्ध में आतंकवादियों को हथियार एवं शरण देकर उनका इस्तेमाल कर सकती हैं, उन्हें अपने घर (देश) लौटने पर पता चलेगा कि आप जहर पीकर जीने की उम्मीद नहीं लगा सकते।

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