वाशिंगटन: अमेरिका ने आतंकवाद के 'महिमामंडन' को लेकर भारत और पाकिस्तान के बीच उपजे नए तनाव के बीच दोनों देशों से आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई के लिए आपसी सहयोग बढ़ाने का आग्रह किया है। पाकिस्तान समर्थक कश्मीरी विद्रोही कमांडर को पाकिस्तान द्वारा 'शहीद' का दर्जा देने के जवाब में भारतीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह द्वारा पाकिस्तान से आतंकवादियों को 'महिमा मंडित या संरक्षित' न करने को कहने के बाद अमेरिकी विदेश विभाग की ये टिप्पणियां आई हैं।
अमेरिकी विदेश विभाग के प्रवक्ता मार्क टोनर ने गुरुवार को कहा, "हम आतंकवाद का मुकाबला करने के लिए क्षेत्रीय संवादों को प्रोत्साहित करते रहे हैं। हम भारत और पाकिस्तान को दोनों देशों में आतंकवाद के खतरे से निपटने के लिए आपसी सहयोग बढ़ाने की सलाह देते हैं।" टोनर ने कहा, "दोनों देशों में आतंकवाद की समस्या है और इससे प्रभावशाली ढंग से लड़ने के लिए दोनों देशों को साथ मिलकर काम करने की जरूरत है और हम लंबे समय से इसी के लिए प्रोत्साहित करते रहे हैं।"
टोनर ने दक्षिण एशियाई क्षेत्रीय सहयोग संगठन (दक्षेस) के गृह मंत्रियों की दो दिवसीय बैठक के दौरान एक सवाल के जवाब में यह कहा। बैठक का समापन इस्लामाबाद में गुरुवार को हुआ। शुरुआत की बैठक को दोनों देशों के बीच सुलह का प्रयास समझा गया था, लेकिन कश्मीर में नौ जुलाई से जारी हिंसा और तनाव को लेकर भारतीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह और उनके पाकिस्तानी समकक्ष निसार अली खान के बीच तकरार के कारण तनावपूर्ण माहौल हो गया।
उप प्रवक्ता ने कहा कि दक्षेस मंत्रियों ने पाकिस्तान और भारत को 'मतभेद और चिंता के मुद्दों पर' 'स्पष्ट' चर्चा करने की अनुमति दी थी। राजनाथ सिंह ने दक्षेस बैठक में अपने भाषण में कहा था कि 'आतंकवाद अच्छा या बुरा नहीं होता'। सिंह ने साथ ही आग्रह किया था कि 'आतंकवादियों को महिमामंडित या संरक्षित नहीं किया जाना चाहिए।' पाकिस्तान ने जम्मू एवं कश्मीर में अस्थिरता के बीच दक्षेस बैठक का आयोजन किया था। हिजबुल मुजाहिदीन के आतंकवादी बुरहान वानी के आठ जुलाई को मारे जाने के बाद शुरू हुए हिंसक प्रदर्शनों के दौरान सुरक्षाबलों व प्रदर्शनकारियों के बीच झड़पों में 50 से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है। इस्लामाबाद में राजनाथ सिंह और उनके पाकिस्तानी समकक्ष के बीच कोई द्विपक्षीय वार्ता नहीं हुई।