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भारत चाहता है कि वार्ता से पहले पाकिस्तान ‘कुछ ठोस कदम’ उठाए: पीएम मोदी

मोदी के इस साल मई में दूसरे कार्यकाल के लिए सत्ता में आने के बाद से ट्रम्प के साथ यह चौथी मुलाकात है। उनकी 40 मिनट तक चली बातचीत में मुख्यत: द्विपक्षीय व्यापार और पाकिस्तान से उपज रहे आतंकवाद से संबंधित मुद्दों पर ध्यान केंद्रित किया गया।

Edited by: IndiaTV Hindi Desk
Published on: September 25, 2019 7:12 IST
भारत चाहता है कि वार्ता से पहले पाकिस्तान ‘कुछ ठोस कदम’ उठाए: पीएम मोदी- India TV Hindi
Image Source : TWITTER भारत चाहता है कि वार्ता से पहले पाकिस्तान ‘कुछ ठोस कदम’ उठाए: पीएम मोदी

संयुक्त राष्ट्र: भारत ने एक बार फिर साफ कर दिया है कि पाकिस्तान जब तक आतंक खत्म नहीं करता तब तक उससे कोई बातचीत नहीं हो सकती। भारत बार बार ये बात दुनिया को बताता आया है और आज प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को साफ साफ कह दिया है कि पाकिस्तान से बातचीत तभी होगी जब पाकिस्तान कुछ ठोस कार्रवाई करके दिखाएगा। वहीं, ट्रम्प ने उम्मीद जतायी कि दोनों पड़ोसी देश कश्मीर मुद्दे पर कोई हल निकाल सकते हैं। 

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मोदी और ट्रम्प ने यहां संयुक्त राष्ट्र महासभा के सत्र के इतर मुलाकात की। मोदी के इस साल मई में दूसरे कार्यकाल के लिए सत्ता में आने के बाद से ट्रम्प के साथ यह चौथी मुलाकात है। उनकी 40 मिनट तक चली बातचीत में मुख्यत: द्विपक्षीय व्यापार और पाकिस्तान से उपज रहे आतंकवाद से संबंधित मुद्दों पर ध्यान केंद्रित किया गया। 

इस बीच, मोदी ने ट्रम्प को अपने परिवार के साथ भारत की यात्रा करने के उनके न्योते की याद दिलायी। मोदी ने ‘हाउडी, मोदी’ रैली में ट्रम्प को न्योता देते हुए कहा था, ‘‘हम चाहते हैं कि आप अपने परिवार के साथ भारत आए और हमें आपकी मेजबानी करने का सौभाग्य दें। हमारी दोस्ती और भारतीय-अमेरिकियों के साझा सपने, हम इसे नया भविष्य देंगे।’’ बैठक के दौरान मोदी ने आतंकवाद खासतौर से जम्मू कश्मीर के संबंध में भारत के सामने पेश आ रही चुनौतियों के बारे में विस्तार से बताया। 

विदेश सचिव विजय गोखले ने बैठक के बारे में पत्रकारों को बताया कि मोदी ने ट्रम्प को बताया कि कश्मीर में आतंकवाद के कारण पिछले 30 वर्षों में 42,000 जानें गई हैं और उन्होंने आतंकवाद के अभिशाप से लड़ने में अंतरराष्ट्रीय समुदाय का सहयोग मांगा। गोखले ने कहा, ‘‘हमें उम्मीद थी कि प्रधानमंत्री की तरफ से की गई पहलों का कुछ जवाब आना चाहिए लेकिन उनमें से किसी का भी जवाब नहीं आया, चाहे वह शपथ ग्रहण समारोह के लिए प्रधानमंत्री का भेजा गया निमंत्रण हो या उसके बाद दिसंबर 2015 में न्यूनतम सुरक्षा के बीच लाहौर का खास दौरा हो।’’ 

उन्होंने कहा कि मोदी ने ट्रम्प को बताया कि लाहौर के दौरे के फौरन बाद पठानकोट सैन्य अड्डे पर हमला हुआ और अपराध के दोषियों को सजा नहीं दी गई। गोखले ने कहा, ‘‘प्रधानमंत्री ने स्पष्ट कर दिया कि हम पाकिस्तान के साथ वार्ता करने से संकोच नहीं कर रहे हैं पर ऐसा होने के लिए हम उम्मीद करते हैं कि पाकिस्तान कुछ ठोस कदम उठाए। पाकिस्तान की तरफ से लेकिन हमें ऐसी कोई कोशिश नहीं दिख रही।’’ विदेश सचिव ने कहा कि प्रधानमंत्री ने आतंकवाद के मुद्दे पर भारत का पक्ष रखा और ट्रम्प ने इस पर सहमति जतायी। 

उन्होंने कहा कि अमेरिकी नेता ने यह भी माना कि यह दोनों देशों की चुनौती है। गोखले ने बताया कि मोदी ने भारत को दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी मुस्लिम आबादी का घर बताते हुए कहा कि विदेशी लड़ाकों (जैसे कि इस्लामिक स्टेट और अल-कायदा) की संख्याओं में से भारत की भागीदारी बहुत कम है। उन्होंने ट्रम्प को यह भी बताया कि इस आबादी में से कट्टरपंथियों की संख्या बहुत कम है। इससे पहले ट्रम्प ने भारत और पाकिस्तान के बीच किसी तरह की मध्यस्थता से दूरी बनाते हुए कहा कि अगर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उनके पाकिस्तानी समकक्ष इमरान खान कश्मीर पर कोई हल निकाल सकें तो यह अच्छा होगा। 

ट्रम्प ने सवालों के जवाब में कहा, ‘‘मुझे पूरा विश्वास है कि प्रधानमंत्री मोदी और प्रधानमंत्री खान जब एक-दूसरे को अच्छी तरह जान जाएंगे तो मुलाकात करेंगे। मुझे लगता है कि मुलाकात से बहुत सारी अच्छी चीजें निकलकर आएंगी। यह अच्छा होगा अगर वे कश्मीर पर कोई हल निकाल सकें।’’ गौरतलब है कि इससे एक दिन पहले ट्रम्प ने खान मुलाकात की थी और कहा था कि अगर भारत और पाकिस्तान राजी हों तो वह कश्मीर मुद्दे पर दोनों देशों के बीच मध्यस्थता कर सकते हैं। भारत का रुख रहा है कि कश्मीर द्विपक्षीय मुद्दा है और किसी तीसरे पक्ष की इसमें कोई भूमिका नहीं है। 

अमेरिकी राष्ट्रपति ने यह माना कि पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई ने अल-कायदा के आतंकवादियों को प्रशिक्षित किया है। इसके बाद यह पूछे जाने पर कि वह खान को क्या संदेश देना चाहते हैं, इस पर ट्रम्प ने कहा, ‘‘संदेश मुझे नहीं देना बल्कि प्रधानमंत्री मोदी को देना है और उन्होंने तेज आवाज और स्पष्ट लहजे में दे दिया है। मुझे विश्वास है कि वह इसे संभाल लेंगे।’’ एक भारतीय पत्रकार के सवाल के जवाब में अमेरिकी राष्ट्रपति ने कहा, ‘‘आपके पास बहुत अच्छे प्रधानमंत्री हैं, वह सभी समस्याएं हल कर लेंगे।’’ 

इस बीच, ट्रम्प ने यह भी कहा कि जल्द ही उनका देश भारत के साथ एक व्यापार समझौते पर पहुंच जाएगा। इससे दोनों देशों के बीच आर्थिक संबंधों को और मजबूती मिलेगी। दोनों देश व्यापार समझौते पर बातचीत कर रहे हैं और कई जटिल मुद्दों को दूर करने का प्रयास किया जा रहा है। ट्रम्प ने यहां संवाददाताओं से कहा, "हम इस पर अच्छा कर रहे हैं, मुझे लगता है कि जल्द ही हम व्यापार समझौता कर लेंगे।" संवाददाताओं ने उनसे पूछा था कि क्या भारत-अमेरिका वार्ता में किसी व्यापार समझौते की उम्मीद है। 

वहीं, संवाददाता सम्मेलन में मोदी ने कहा, ‘‘जहां तक व्यापार का संबंध है, मैं बहुत खुश हूं कि ह्यूस्टन में मेरी मौजूदगी में भारतीय कंपनी पेट्रोनेट ने 2.5 अरब डॉलर के समझौते पर हस्ताक्षर किए और इसका मतलब है कि आने वाले वर्षों में इससे 60 अरब डॉलर का व्यापार होगा और 50,000 नौकरियां पैदा होंगी जो मेरे हिसाब से भारत द्वारा की गई बड़ी पहल है।’’ इस बैठक से दो दिन पहले दोनों नेताओं ने रविवार को ह्यूस्टन में मुलाकात की और ‘हाउडी, मोदी’ महारैली में मंच साझा किया जहां उन्होंने आतंकवाद से लड़ाई पर करीबी मित्रता और साझा दूरदृष्टि प्रदर्शित की।

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