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भारत NSG का प्रबल दावेदार, सभी मानदंडो को करता है पूरा: अमेरिका

ट्रंप प्रशासन के एक वरिष्ठ अधिकारी ने गुरुवार को कहा कि चीन के वीटो के कारण भारत परमाणु आपूर्तिकर्ता समूह (एनएसजी) की सदस्यता हासिल नहीं कर पाया और अमेरिका इस समूह में भारत की सदस्यता की वकालत करता रहेगा क्योंकि भारत इसके सभी मानदंडों को पूरा करता है।

Edited by: IndiaTV Hindi Desk
Published on: September 13, 2018 11:01 IST
India meets all qualifications to be member of NSG, says US- India TV Hindi
India meets all qualifications to be member of NSG, says US

वाशिंगटन: ट्रंप प्रशासन के एक वरिष्ठ अधिकारी ने गुरुवार को कहा कि चीन के वीटो के कारण भारत परमाणु आपूर्तिकर्ता समूह (एनएसजी) की सदस्यता हासिल नहीं कर पाया और अमेरिका इस समूह में भारत की सदस्यता की वकालत करता रहेगा क्योंकि भारत इसके सभी मानदंडों को पूरा करता है। भारत 48 सदस्यीय इस विशिष्ट परमाणु समूह में स्थान पाना चाहता है लेकिन चीन लगातार उसकी राह में रोड़े अटकाता रहा है। यह समूह परमाणु व्यापार को नियंत्रित करता है। भारत को अमेरिका और इस समूह के ज्यादातर पश्चिमी देशों का समर्थन प्राप्त है लेकिन चीन अपने इस रूख पर कायम है कि नए सदस्य को परमाणु अप्रसार संधि (एनपीटी) पर हस्ताक्षर करने चाहिए जिससे इस समूह में भारत का प्रवेश मुश्किल हो गया है। (अमेरिका ने यूक्रेन में रूस की चुनावी घोषणा की निंदा की )

भारत ने एनपीटी पर हस्ताक्षर नहीं किए हैं वहीं आपसी सहमति से ही इस समूह में किसी सदस्य को शामिल करने का प्रावधान है। दक्षिण और मध्य एशिया के लिए उप विदेश मंत्री एलिस वेल्स ने कहा, ‘‘परमाणु आपूर्तिकर्ता समूह आम सहमति पर आधारित संगठन है। चीन के विरोध के कारण भारत इसकी सदस्यता हासिल नहीं कर पा रहा है।’’ एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा, ‘‘हमारा विचार है कि चीन के वीटो के कारण हम भारत के साथ अपने सहयोग को सीमित नहीं करेंगे। निश्चित तौर पर हम एसटीए के दर्जे के साथ आगे बढ़े हैं और हम मानते हैं कि भारत एनएसजी की सभी योग्यताओं को पूरा करता है तथा हम भारत की सदस्यता की सक्रियता से वकालत करते रहेंगे।’’

उन्होंने कहा कि भारत को कूटनीतिक व्यापार प्राधिकार (एसटीए-1) का दर्जा देकर अमेरिका ने उसे अमेरिकी के निकटतम सहयोगियों की सूची में रख दिया है। विदेश विभाग की वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि भारत के साथ परमाणु समझौते की प्रक्रिया शुरू हुए दस साल पूरे होने वाले हैं। उन्होंने कहा, ‘‘वेस्टिंगहाउस दिवालियापन से बाहर निकल रही है अब हमारे पास इस समझौते को पूरा करने का अवसर है जिसके तहत हमारी बड़ी कंपनियों में से एक कंपनी करोड़ों भारतीय नागरिकों को सुरक्षित और स्वच्छ ईंधन मुहैया कराएगी।’’

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