वाशिंगटन: अमेरिका के एक प्रभावशाली सांसद ने हाइड्रोक्सीक्लोरोक्विन दवाओं जैसी अहम चिकित्सा सामग्री को बड़ी मात्रा में अमेरिका को मुहैया कराने के लिए भारत की प्रशंसा करते हुए कहा कि भारत कोरोना वायरस के खिलाफ लड़ाई में अगुवा के तौर पर सामने आया है। सांसद जॉर्ज होल्डिंग ने कहा, ‘‘भारत अमेरिका के सबसे करीबी और महत्वपूर्ण सहयोगियों में से एक है और हमारे रिश्ते को हमेशा वाशिंगटन में दोनों पक्ष का समर्थन प्राप्त रहा है। मैं आभारी हूं कि भारत कोरोना वायरस के खिलाफ लड़ाई में एक अगुवा के तौर पर सामने आया और मुझे खुशी है कि इस वैश्विक महामारी के दौरान हमारी खास साझेदारी मजबूत बनी हुई है।’’
होल्डिंग भारत और भारतीय-अमेरिकियों पर कांग्रेस की कॉकस के सह-अध्यक्ष भी हैं। उत्तर कैरोलिना के प्रभावशाली रिपब्लिकन सांसद ने एक बयान में अमेरिका में महामारी संबंधी राहत कार्यों में भारतीय-अमेरिकी गैर लाभकारी संगठनों और सामुदायिक संगठनों द्वारा निभाई जा रही भूमिका की भी सराहना की। होल्डिंग ने कहा, ‘‘अमेरिकी सरजमीं पर सेवा इंटरनेशनल (भारत स्थित सेवा संगठन) मास्क, भोजन बांटने के लिए बिना थके काम कर रही है और यह सुनिश्चित कर रही है कि देशभर में कमजोर वर्ग के लोगों को भोजन तथा दवाएं मिले।’’
उन्होंने कहा कि भारत सरकार कोविड-19 से निपटने में अंतरराष्ट्रीय समुदाय की मदद के लिए अपने देश और अमेरिका दोनों में कड़ी मेहनत कर रही है। उन्होंने कहा, ‘‘यह देखना रोमांचक है कि हमारे करीबी और सबसे महत्वपूर्ण साझेदारों में से एक का करीब 10 हजार मील दूर से हमारे देश पर कैसे इतना प्रभाव हो सकता है।’’
होल्डिंग ने कहा कि भारत ने दिखाया है कि वे दवाओं और चिकित्सा उत्पाद के लिए आपूर्ति श्रृंखलाओं को खुली रखने के लिए प्रतिबद्ध है ताकि अमेरिका और भारत के अपने क्षेत्रीय पड़ोसियों को इसका फायदा मिल सके। रिपब्लिकन सांसद ने कहा, ‘‘अप्रैल की शुरुआत में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने देशव्यापी लॉकडाउन के बीच अंतरराष्ट्रीय व्यापार के सामने आ रही चुनौतियों से निपटने के लिए साथ मिलकर काम किया। तब से भारत ने अमेरिका को हाइड्रोक्सीक्लोरोक्विन की बड़ी खेप जैसी अहम सामग्री मुहैया कराई।’’
उन्होंने कहा कि भारत-अमेरिका साझेदारी का सीधा असर कई अमेरिकियों की जिंदगियों पर भी पड़ा है। उन्होंने बताया कि 16 अप्रैल तक 1,500 से अधिक अमेरिकी भारत से अमेरिका लौटे। होल्डिंग ने कहा, ‘‘यह देखकर मुझे गर्व होता है कि अंतरराष्ट्रीय संकट के समय सामुदायिक सेवा की भावना सीमाओं और संस्कृतियों की दीवार तोड़ देती है।’’