वाशिंगटन: पेंटागन के एक शीर्ष अधिकारी ने सांसदों से आज कहा कि भारत अफगानिस्तान को मदद जारी रखने और विकास के लिए उसके प्रयासों को और अधिक व्यापक करने के लिए प्रतिबद्ध है। अमेरिका के रक्षा मंत्री जिम मैटिस ने दक्षिण एशिया पर सीनेट में एक बहस के दौरान कहा कि भारत में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण और राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजित डोभाल के साथ मुलाकात के दौरान उन्हें यह महसूस हुआ। मैटिस पिछले सप्ताह भारत गए थे। उन्होंने कहा, अफगानिस्तान के लोगों में भारतीय लोगों के लिए एक गहरा एवं स्थायी स्नेह है। वहां एक सहयोग वाली बात है जो सोवियत अतिक्रमण के बाद से अफगान समाज के विकास के लिए भारत सरकार का एक उदार एवं स्थायी समर्थन है। (संबंधों में सुधार लाने के लिए आज अमेरिका पहुंचे पाक विदेश मंत्री)
मैटिस ने कहा, वे भारतीय नेतृत्व न केवल अफगानिस्तान में मदद देना जारी रखेंगे बल्कि वे उसके विकास प्रयासों को और व्यापक करने, उपकरणों की मरम्मत करने, भारतीय सैन्य स्कूलों में अधिकारियों तथा एनसीओ को प्रशिक्षण देने के संदर्भ में अफगान रक्षा बलों का सहयोग करने, चिकित्सा के लिए डॉक्टरों को प्रशिक्षण देने और अफगान सेना के लिए युद्धपोतों में हताहतों की देखभाल करने की खातिर दवाइयां मुहैया कराने को भी प्रतिबद्ध हैं। ट्रंप ने अफगानिस्तान के लिए अपनी नई रणनीति की घोषणा करते समय युद्धग्रस्त देश में विकास के लिए भारत के प्रयासों की सराहना भी की थी। मैटिस ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के प्रयास जो कुछ महीनों और वर्षों में आगे बढ़ेंगे, वह पूरी तरह से इस बात पर निर्भर हैं कि हम पूरी तरह प्रतिबद्ध हैं।
सीनेटर जोनी अर्नेस्ट के सवाल का जवाब देते हुए उन्होंने कहा, वह अब दक्षिण एशिया की स्थिरता एवं समृद्धि के लिए खुद को और प्रतिबद्ध कर सकते हैं। यह हम सबकी बेहतरी के लिए है। अर्नेस्ट का सवाल था, मंत्री महोदय, मुझे पता है कि आप भारत में थे। क्या आप हमें उनकी भूमिका स्पष्ट कर सकते हैं, और हम आगे बढ़ने में कैसे उनका लाभ उठा सकते हैं, और वह भी सरकार के पूरे समर्थन के साथ। उसे कैसे देखा जा सकता है आप क्या सोचते हैं बहरहाल, सीनेटर टिम कैन के सवाल का जवाब देते हुए रक्षा मंत्री ने माना कि पाकिस्तान, अफगानिस्तान में भारत के निवेश को पसंद नहीं करता।