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भारत और अमेरिका ने पाक से आतंकवाद पर काबू रखने को कहा

पाकिस्तान को कड़ा संदेश देते हुए आज भारत और अमेरिका ने उससे यह सुनिश्चित करने को कहा कि उसकी धरती का इस्तेमाल सीमा पार आतंकी हमलों के लिए नहीं हो।

India TV News Desk
Published : June 27, 2017 14:13 IST
India and the US asked Pakistan to control terrorism- India TV Hindi
Image Source : PTI India and the US asked Pakistan to control terrorism

वाशिंगटन: पाकिस्तान को कड़ा संदेश देते हुए आज भारत और अमेरिका ने उससे यह सुनिश्चित करने को कहा कि उसकी धरती का इस्तेमाल सीमा पार आतंकी हमलों के लिए नहीं हो। इसके साथ ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने आईएसआईएस, जैश-ए-मुहम्मद, लश्कर-ए-तैयबा और डी कंपनी जैसे आतंकी समूहों के खिलाफ लड़ाई तेज करने का संकल्प लिया। व्हाइट हाउस में हुई दोनों नेताओं की पहली बैठक में इनके बीच काफी तालमेल देखने को मिला। दोनों देशों ने पाकिस्तान से कहा कि वह पाकिस्तान आधारित संगठनों द्वारा किए गए मुंबई, पठानकोट हमलों और सीमापार आतंकी हमलों के साजिशकर्ताओं को न्याय के कठघरे में लाए। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने आतंकवाद से लड़ने और आतंकियों की शरणस्थलियों को नष्ट करने की दिशा में किए जा रहे प्रयासों को मजबूत करने का भी संकल्प लिया। (मोदी-ट्रंप के बीच नहीं हुई इस खास मुद्दे पर चर्चा)

मोदी ने व्हाइट हाउस में ट्रंप के साथ अपने संयुक्त संबोधन में संवाददाताओं से कहा, आतंकवाद का खात्मा हमारी शीर्ष प्राथमिकताओं में शामिल है। दोनों नेताओं के बीच बैठक के बाद जारी संयुक्त बयान में कहा गया कि दोनों पक्षों ने पाकिस्तान से यह सुनिश्चित करने के लिए कहा कि वह अपनी धरती का इस्तेमाल अन्य देशों के खिलाफ आतंकी हमलों के लिए न होने दे। बैठक से पहले ही अमेरिकी विदेश मंत्रालय ने कश्मीरी आतंकी समूह हिज्बुल मुजाहिद्दीन के प्रमुख सैयद सलाहुद्दीन को वैश्विक आतंकी घोषित करके सम्मलेन की दिशा तय कर दी थी। विदेश मंत्रालय के इस कदम ने भारत को नुकसान पहुंचा रहे पाकिस्तान से उपजने वाले आतंकवाद के खिलाफ कड़ा संदेश भेजा।

अपनी बैठक के दौरान दोनों नेताओं ने अल-कायदा, आईएसआईएस, जैश-ए-मुहम्मद, लश्कर-ए-तैयबा, डी कंपनी और उनके सहयोगियों से उपजने वाले आतंकी खतरों के खिलाफ सहयोग मजबूत करने के लिए प्रतिबद्धता व्यक्त की। प्रतीकों की प्रधानता वाली इस बैठक के दौरान एच-1बी वीजा सुधार और जलवायु परिवर्तन जैसे विवादित मुद्दों का कोई जिक्र नहीं किया गया। ट्रंप प्रशासन ने इस बात की पुष्टि की कि उसने भारत को लाखों डॉलर के परिवहन वाहक की बिक््रुी के लिए मंजूरी दे दी है। इसके अलावा लगभग 20 गार्जयिन ड्रोनों की बिक्री की मंजूरी दी गई है। प्रेस को बयान देते समय ट्रंप ने मोदी से कहा, मैं कहना चाहूंगा कि भारत और अमेरिका के बीच संबंध कभी इतने मजबूत और बेहतर नहीं रहे। उन्होंने कहा, श्रीमान प्रधानमंत्री, मैं आपके साथ काम करने के लिए, हमारे देशों में रोजगार सृजन के लिए, हमारी अर्थव्यवस्थाओं को विकसित करने के लिए और निष्पक्ष एवं पारस्परिक व्यापारिक संबंध बनाने के लिए उत्सुक हूं।

मोदी ने अपनी सरकार द्वारा किए गए आर्थकि सुधारों और देश में कारोबार को सुगम बनाने के लिए उठाए गए कदमों को रेखांकित किया। मोदी ने कहा, भारत के सामाजिक-आर्थकि सुधार के लिए अपने सभी प्रमुख कार्यक्रमों और योजनाओं में हम अमेरिका को अपना प्रमुख साझीदार मानते हैं। चुनाव प्रचार के दौरान ट्रंप की ओर से दिए गए नारे के संदर्भ में मोदी ने कहा, मुझो यकीन है कि नए भारत के लिए मेरे नजरिए और राष्ट्रपति ट्रंप के मेकिंग अमेरिका ग्रेटअगेन में तालमेल हमारे सहयोग को एक नया आयाम देगा।

हालांकि बैठक में प्रमुख चर्चा सीमा पार के आतंकवाद को लेकर हुई। नेताओं ने खुफिया जानकारी साझा करके और आतंकवाद विरोधी सहयोग को विस्तार देकर आतंकवादियों की यात्रा को रोकने और उनके द्वारा वैकि तौर पर की जाने वाली भर्तयिों को बाधित करने के लिए सहयोग बढ़ाने की घोषणा की। संयुक्त बयान में कहा गया कि नेताओं ने अंतरराष्ट्रीय आतंकवाद से जुड़े संयुक्त राष्ट्र समग्र समझौते के प्रति समर्थन व्यक्त किया।यह समझौता वैकि सहयोग का ढांचा मजबूत करेगा और इस संदेश को स्थापित करेगा कि किसी भी कारण या कष्ट के आधार पर आतंकवाद को उचित नहीं ठहराया जा सकता।

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