वाशिंगटन: अमेरिका में एक जाने माने भारतीय-अमेरिकी समाजसेवक ने कहा है कि स्वतंत्र प्रेस अमेरिकी लोकतंत्र की आधाशिला है। फ्रैंक इस्लाम ने वाशिंगटन में गत सप्ताह अल्फ्रेड फ्रेंडली प्रेस पार्टनर्स अवार्ड समारोह के दौरान कहा, मीडिया की अत्यंत महत्वपूर्ण जिम्मेदारी तथ्यों को कल्पना से अलग करना है और राष्ट्रपति समेत सरकारों एवं नेताओं को समान मानकों पर बनाए रखना है। पुरस्कार प्राप्त करने वालों में फ्रैंक इस्लाम एंड डेबी ड्रायसमैन की पहली फेलो एवं भारतीय पत्रकार स्मिता रंजन शामिल हैं। (उत्तर कोरिया पर प्रतिबंध का चीन ने किया समर्थन)
इस्लाम ने स्मिता को निडर योद्धा, शक्ति ढांचे की दुश्मन और वंचितों की मित्र बताया। उन्होंने कहा कि उनमें अच्छे नेतृत्व के गुण और पत्रकारिता संबंधी बदलाव का वाहक बनने की क्षमता है। वह गुजरात में डीएनए दिव्य भास्कर की सहायक संपादक हैं। उन्होंने कहा कि स्वतंत्र प्रेस अमेरिकी लोकतंत्र की आधारशिला है। हमारे संविधान में प्रेस की स्वतंत्रता की बात की गई है। इस्लाम ने कहा, प्रेस की स्वतंत्रता के अधिकार को लगातार सतर्कता और संरक्षण की आवश्यकता है। संविधान निर्माताओं ने हमें यह कीमती तोहफा दिया है।
अमेरिका एक जीवंत लोकतंत्र है और इसका एक बड़ा कारण प्रश्न करने वाली उसकी प्रेस है। इस्लाम ने कहा, हम आज रात यहां स्वतंत्र प्रेस को दबाने नहीं, बल्कि उसकी प्रशंसा करने के लिए आए हैं। कुछ लोग इसे दबाना चाहते हैं। कृपया मुश्किल प्रश्न पूछने और मुश्किल खबरें लिखने से नहीं हिचकें।