न्यूयॉर्क: विदेश सचिव हर्षवर्धन श्रृंगला ने शनिवार को कहा कि अमेरिकी नेतृत्व के साथ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सभी बैठकों में उन चिंताओं का संज्ञान लिया गया कि पाकिस्तान एक ऐसे देश के रूप में प्रतिनिधित्व करता है जिसने कई मायने में अफगानिस्तान के भीतर और अफगानिस्तान से सीमा पार आतंकवाद का समर्थन और पोषण किया है।
संयुक्त राष्ट्र महासभा के 76वें सत्र में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संबोधन के बाद श्रृंगला ने कहा, ‘ऐसी भावना है कि स्थिति पर बहुत सावधानी से गौर करने की जरूरत है, और अंतरराष्ट्रीय समुदाय को यह सुनिश्चित करने की आवश्यकता है कि पाकिस्तान समुदाय के सदस्य के रूप में अपने बुनियादी दायित्वों को पूरा करे और अपने पड़ोसियों या दुनिया के किसी भी देश के खिलाफ कोई काम ना करे।’ श्रृंगला ने कहा कि यह द्विपक्षीय संयुक्त बयान के साथ-साथ क्वाड नेताओं के शिखर सम्मेलन के संयुक्त बयान में जाहिर हुआ है, जो उन भावनाओं को काफी हद तक दर्शाता है।
श्रृंगला ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी ने संयुक्त राष्ट्र महासभा में अपने संबोधन में रेखांकित किया कि आतंकवाद को औजार के रूप में उपयोग करने वाले देशों को ध्यान देना चाहिए कि यह एक ‘दोधारी’ तलवार है और यह उनके लिए भी ‘समान रूप से एक बड़ा खतरा’ है। वहीं, अफगानिस्तान पर बोलते हुए श्रृंगला ने कहा कि ‘निश्चित रूप से’ क्वाड समूह के भीतर एक मजबूत भावना है कि अफगानिस्तान ‘उच्च प्राथमिकता’ है और इस मुद्दे पर एकजुटता बहुत ‘प्रासंगिक’ है।
विदेश सचिव ने कहा कि अफगानिस्तान पर सुरक्षा परिषद की प्रस्ताव संख्या-2593 के कई तत्व क्वाड समूह के सदस्य देशों-अमेरिका, भारत, ऑस्ट्रेलिया और जापान के संयुक्त बयान में परिलक्षित होते हैं। संयुक्त बयान में कहा गया, ‘हम अफगान नागरिकों के समर्थन में एक साथ खड़े हैं, और तालिबान से अफगानिस्तान छोड़ने के इच्छुक किसी भी व्यक्ति को सुरक्षित मार्ग प्रदान करने और महिलाओं, बच्चों और अल्पसंख्यकों सहित सभी अफगानों के मानवाधिकारों का सम्मान सुनिश्चित करने का आह्वान करते हैं।’
श्रृंगला ने कहा कि संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC) का विस्तार और उसमें एक स्थायी सीट पाना भारत की शीर्ष प्राथमिकता है। उन्होंने यह भी कहा कि संयुक्त राष्ट्र महासभा के अध्यक्ष अब्दुल्ला शाहिद के तहत अंतर-सरकारी प्रक्रियाओं और दस्तावेज आधारित बातचीत पर जोर रहेगा। श्रृंगला ने कहा कि भारत संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के अस्थायी सदस्य के तौर पर अपने कार्यकाल के दौरान संयुक्त राष्ट्र को विस्तारित करने की दिशा में काम करना जारी रखेगा। उन्होंने कहा, ‘यूएनएसी में एक स्थायी सीट और सुरक्षा परिषद में विस्तार भारत की शीर्ष प्राथमिकता बनी हुई है।’
विदेश सचिव ने कहा कि भारत की भावनाओं को साझा करने वाले कई देशों द्वारा उसकी उम्मीदवारी (यूएनएससी की स्थायी सीट के लिए) को समर्थन मिला है।