न्यूयॉर्क: अमेरिका के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार लेफ्टिनेंट जनरल एच आर मैकमास्टर ने चुनिंदा आतंकी समूहों को निशाना बनाने पर पाकिस्तानी नेतृत्व की आलोचना करते हुए कहा कि पाकिस्तान को कूटनीति का इस्तेमाल करना चाहिए न कि छद्म रवैया अपनाना चाहिए जो अफगानिस्तान और अन्य स्थानों पर अपने हितों को जारी रखने के लिए हिंसा में शामिल है।
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मैकमास्टर अफगान चैनल टोलो न्यूज को दिए एक साक्षात्कार में पाकिस्तान पर कड़ा रूख लेते हुए दिखे जिस पर तालिबान को छद्म बल के तौर पर इस्तेमाल करने और इसके नेताओं को शरण देने के आरोप लगते रहते है।
द न्यूयॉर्क टाइम्स की एक खबर के मुताबिक, युद्धग्रस्त देश की ताजा यात्रा के दौरान मैकमास्टर ने कहा है कि हम सब कई सालों से यह उम्मीद कर रहे हैं कि पाकिस्तानी नेता यह समझेंगे कि पूर्व की रणनीति के विपरीत इन समूहों के खिलाफ कार्रवाई करना उनके अपने हित में है।
उनके हवाले से कहा गया है, अफगानिस्तान और अन्य जगहों पर उनके हितों को जारी रखने का सर्वश्रेष्ठ तरीका कूटनीति का इस्तेमाल करना है ना कि छद्म रवैया के इस्तेमाल करना जो हिंसा फैलाता है।
रिपोर्ट में मैकमास्टर के साथ हुई चर्चा की जानकारी रखने वाले अफगान अधिकारियों के हवाले से कहा गया है कि पाकिस्तान में पनप रहेे आतंकी समूहों से खतरे को लेकर एक साझा समझ है।
खबर में कहा गया है कि इस तरह के अन्य संकेत भी है कि अमेरिका पाकिस्तान पर अपना रूख कड़ा कर सकता है जिसमें समझा जाता है कि जनरल मैकमास्टर ने अपने एक खास आदमी को चुना है जो इस बात का प्रबल समर्थक है कि अमेरिका को पाकिस्तान के साथ एक सहयोगी के तौर पर व्यवहार करना बंद करना चाहिए और आतंकवादी समूहों के खिलाफ भविष्य में दी जाने वाली किसी भी सैन्य मदद पर शर्त लगानी चाहिए।
अफगान इंस्टि्टयूट ऑफ स्ट्रेटेजिक स्टडीज के निदेशक दावूद मोरादियन ने कहा कि अफगानिस्तान में कई लोग अमेरिका और पाकिस्तान के बीच रिश्तों की प्रकृति पर आश्चर्य कर रहे हैं खासतौर पर इस बात को लेकर कि सब जानते हैं कि तालिबान और अन्य आतंकी समूहों को समर्थन देने में पाकिस्तान की अहम भूमिका है।
उन्होंने कहा कि नया प्रशासन यह समझ रहा है कि पाकिस्तान के साथ पहले की तुष्टीकरण की नीति काम नहीं करेगी और इस पर पुनर्विचार करने की जरूरत है।