क्लीवलैंड: क्लीवलैंड में रह रहे कई भारतीय अमेरिकी इस बात को लेकर असमंजस में हैं कि आठ नवंबर को होने जा रहे अमेरिकी राष्ट्रपति पद के चुनाव में किसके लिए मतदान किया जाए। बहरहाल, इनमें से कई का झुकाव डेमोक्रेटिक पार्टी की राष्ट्रपति पद की उम्मीदवार हिलेरी क्लिंटन की ओर है और उनका कहना है कि महिलाओं और आव्रजन के लिए डोनाल्ड ट्रम्प के बयानों से उन्हें डर लगता है।
अर्थव्यवस्था की समीक्षा, आतंकवाद और आव्रजन जैसे मुद्दे उनके दिल के करीब हैं और इन मुद्दों पर वह रिपब्लिकन पार्टी के राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार डोनाल्ड ट्रम्प को करीब पाते हैं। डेमोक्रेटिक उम्मीदवार हिलेरी क्लिंटन के लिए मतदान कर वे ओबामा प्रशासन को चार साल और नहीं देना चाहते। बहरहाल, महिलाओं के बारे में ट्रम्प के हालिया बयानों ने उन्हें डरा दिया है और उनका मानना है कि यह तानाशाह की प्रवृत्तियों को बढ़ावा देता है। भारतीय अमेरिकी समुदाय का अहम चेहरा रहे सतीश पारिख ने कहा, इस देश को चलाने के लिए रिपब्लिकन उम्मीदवार के पास मूल्य और चरित्र नहीं हैं।
पारिख यहां तीन दशक से भी अधिक समय से रह रहे हैं। चुनावी चक्र के शुरूआती चरण में वह खुद को ट्रम्प की नीतियों के करीब पाते थे लेकिन दूसरी बहस में हिलेरी को जेल पहुंचाने की धमकी देने और तीसरी बहस में चुनाव परिणामों को अस्वीकार करने की बात कहने के बाद मेरा ट्रम्प के प्रति झुकाव नहीं रहा। खन्ना ने ट्रंप के उस बयान का हवाला दिया जिसमें उन्होंने कहा था कि अमेरिका में मुसलमानों को आंख और कान खुले रखने चाहिए और उन्हें किसी भी प्रकार की संदिग्ध गतिविधि की सूचना देनी चाहिए। उन्होंने कहा, ऐसा हो सकता है कि ट्रंप राजनीतिक रूप से हमेशा सही नहीं हो लेकिन वह समझते हैं कि कट्टरपंथी इस्लाम इस दुनिया के साथ क्या कर रहा है।
उन्होंने कहा, मैं उन लोगों में से नहीं हूं जिनका मानना है कि आपको समस्या को नजरअंदाज करना चाहिए। यदि समस्या है तो है। मेरा मानना है कि कट्टरपंथी इस्लाम केवल भारत एवं अमेरिका ही नहीं बल्कि दुनिया के लिए बुरा है। इससे निपटने की आवश्यकता है। खन्ना ने कहा कि वह महिलाओं के प्रति ट्रंप के व्यवहार को नजरअंदाज नहीं करते और उन्हें इस संदर्भ में स्वयं में बदलाव लाने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि हालांकि बिल क्लिंटन अब तक के सबसे पसंदीदा राष्ट्रपतियों में से एक हैं लेकिन वह महिलाओं संबंधी उनके रिकॉर्ड को लेकर भी गौरवान्वित नहीं हैं।
उन्होंने कहा, हिलेरी के रूप में हमें मिलेगा ण्क- सामान्य राष्ट्रपति। उनकी निर्णय लेने की क्षमता खराब है। उन्होंने हमें इराक युद्ध में धकेला जो एक खराब निर्णय था। खन्ना ने कहा कि हिलेरी का ईमेल संबंधी निर्णय गलत था और देश में सीरियाई शरणार्थियों को उचित जांच के बिना आने देने की अनुमति देने का उनका प्रस्ताव भी खराब है।
उन्होंने कहा, एक के बाद एक खराब फैसले। मुझे नहीं लगता कि देश अब और खराब फैसले झेल सकता है। मैं हिलेरी का सम्मान करता हूं। मुझे लगता है कि उन्होंने बहुत कोशिश की लेकिन चुनावों में मुकाबला नजदीकी होगा और ट्रंप के पास अब भी जीतने का मौका है। आहूजा ने कहा कि ट्रंप साइंस टेक्नोलॉजी इंजीनियरिंग एंड मैथ (स्टेम) श्रेणी को मौजूदा 20,000 की सीमा के बढ़ाकर करीब 50,000 करने के समर्थन में हैं और इस कदम से भारतीय छात्रों को लाभ हो सकता है।