वाशिंगटन: ट्रंप प्रशासन द्वारा श्रम मंत्री पद के लिए नामित अलेक्जेंडर अकोस्टा ने अमेरिका में कुशल श्रमिकों की कमी होने की बात को स्वीकार करते हुये कहा है कि एच-1बी वीजा का मकसद अमेरिकी कर्मचारियों को हटाना नहीं है। अकोस्टा ने अपने नाम की पुष्टि के लिए जारी सुनवाई के दौरान सीनेटरों से कहा, कुछ अमेरिकियों ने नौकरियों को विदेशों में जाते हुये देखा है। कुछ अमेरिकियों ने विदेशी कर्मचारियों के पास नौकरियां जाते हुये देखा है। मैंने कुछ ऐसी रिपोर्ट भी पढ़ी हैं जिसमें कहा गया है कि कुछ अमेरिकियों को उनकी जगह लेने वाले विदेशी कर्मचारियों को प्रशिक्षित करने के लिए कहा जाता है।
उन्होंने कल कहा, कुछ अमेरिकी देखते हैं कि नौकरियां उपलब्ध हैं लेकिन इन नौकरियों के लिए जिस कौशल की आवश्यकता होती है वह उनके पास नहीं होता। सीनेटरों के सवालों के जवाब देते हुये अकोस्टा ने कहा कि विदेशी कर्मचारियों द्वारा अमेरिकी नौकरियां लेने के मुद्दे पर ध्यान देने की जरूरत है।
अकोस्टा ने कहा, विशेष रूप से उन परिस्थितियों में अमेरिकियों को उनकी जगह लेने वाले विदेशी कर्मचारियेां को प्रशिक्षित करने के लिए कहा जा रहा है। एच-1बी वीजा का मकसद अमेरिकी कर्मचारियों को हटाना नहीं है।
अमेरिका तीन अप्रैल से स्वीकार करेगा एच-1बी वीजा आवेदन
एच-1बी वर्किंग वीजा का इंतजार करने वाले भारतीयों के लिए राहत की खबर है। अमेरिका इस साल 3 अप्रैल से एच-1बी वर्किंग वीजा के आवेदन स्वीकार करना शुरू करेगा। हालांकि, इस वीजा कार्यक्रम को लेकर अभी तक संदेह बना हुआ है। भारतीय आईटी कंपनियों और पेशेवरों में यह वीजा काफी लोकप्रिय है।
पिछले वर्षों की तुलना में इस बार अमेरिकी नागरिकता और वीजा सेवाएं (यूएससीआईएस) ने कुछ नहीं कहा है कि वह एच-1बी वीजा आवेदनों को स्वीकार करना कब तक जारी रखेगा। आमतौर पर विभाग पहले पांच वर्किंग डेज के दौरान आवेदन स्वीकार करता है। पिछले कुछ वर्षों के दौरान विभाग को संसद द्वारा तय किए गए 85,000 एच-1बी वीजा के लिए पर्याप्त आवेदन मिले हैं।