वाशिंगटन: अमेरिका वित्त वर्ष 2017-18 के लिए एच-1बी कार्य वीजा के लिए आवेदन 3 अप्रैल से लेना शुरू करेगा। हालांकि, इस वीजा कार्यक्रम को लेकर अनिश्चितता बनी हुई है। भारतीय आईटी कंपनियों तथा पेशेवरों में यह वीजा काफी लोकप्रिय है। पिछले वर्षों की तुलना में इस बारे अमेरिकी नागरिकता एवं आव्रजन सेवाओं (USCIS) ने यह नहीं कहा है कि वह एच-1बी वीजा आवेदनों को स्वीकार करना कब तक जारी रखेगा। आमतौर पर विभाग पहले पांच कारोबारी दिवस के दौरान आवेदन स्वीकार करता है। पिछले कुछ वर्षों के दौरान विभाग को संसद द्वारा तय किए गए 85,000 एच-1बी वीजा के लिए पर्याप्त आवेदन मिले हैं।
- VIDEO: बनारस के अघोरी के साथ CNN के एंकर का यह कबूलनामा बना विवाद का विषय
- जानिए किस देश की सरकार ने दिए 'नदी' को इंसानों की तरह 'कानूनी अधिकार'
गौरतलब है कि डोनल्ड ट्रंप के अमेरिकी राष्ट्रपति का पदभार संभालने के बाद एक सप्ताह के भीतर रिपब्लिकन सेनेटर चक ग्रैसले और सेनेट में अल्पमत पक्ष के सहायक नेता डिक डर्बन ने 'एच-1बी एवं एल-1 वीजा सुधार अधिनियम' पेश किया था ताकि अमेरिकी कामगारों को प्राथमिकता दी जाए और कुशल कामगारों के लिए वीजा कार्यक्रम में निष्पक्षता बहाल की जाए। ग्रैसले सेनेट की न्यायपालिका समिति के प्रमुख हैं।
एच-1बी सुधार विधेयक में लॉटरी व्यवस्था को खत्म करने और अमेरिका में शिक्षा हासिल करने वाले विदेशी छात्रों को प्राथमिकता देने का प्रस्ताव दिया गया है। डेमोक्रेट जोए लोफग्रेन ने 'द हाई-स्किल्ड इंटिग्रिटी ऐंड फेयरनेस ऐक्ट-2017' नामक विधेयक पेश किया है। इस विधेयक में एच-1बी वीजा धारकों के लिए न्यूनतम वेतन 130,000 डॉलर रखने का प्रस्ताव दिया गया है। कुछ अन्य सदस्यों ने भी एच-1बी वीजा कार्यक्रम से संबंधित विधेयक पेश किए हैं।