वॉशिंगटन: अमेरिका के बाद अब ग्वाटेमाला ने भी इस्राइल में अपने देश के दूतावास को मई में तेल अवीव से जेरुसलम ले जाने की घोषणा की है। ग्वाटेमाला के राष्ट्रपति जिमी मोराल्स ने यह घोषणा रविवार को वॉशिंगटन में अमेरिकी इस्राइल लोक मामलों की समिति के वार्षिक नीति सम्मेलन में की। उनके ऐलान का वहां मौजूद लोगों ने तालियां बजाकर स्वागत किया। मोराल्स ने कहा, ‘एक सार्वभौम फैसले के तौर पर, हम जेरुसलम को इस्राइल की राजधानी के रूप में मान्यता देते हैं।’
उन्होंने कहा, ‘इस साल मई में, हम इस्राइल की 70वीं वर्षगांठ मनाने जा रहे हैं और मेरे निर्देशों के तहत अमेरिकी दूतावास के स्थानांतरण के 2 दिन बाद ग्वाटेमाला अपने दूतावास को स्थायी तौर पर जेरुसलम स्थानांतरित कर देगा।’ मोराल्स ने कहा कि वह राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को इस मामले में नेतृत्व करने के लिए धन्यवाद देते हैं। उन्होंने कहा कि ट्रंप के साहसिक फैसले ने हमें सही काम करने की हिम्मत दी। ग्वाटेमाला उन चंद देशों में शामिल था जिन्होंने जेरुसलम को इस्राइल की राजधानी के रूप में मान्यता देने के ट्रंप के फैसले का समर्थन किया था।
गौरतलब है कि संयुक्त राष्ट्र महासभा में 128 देशों ने ट्रंप के इस फैसले के विरोध में वोट दिया था, जिनमें भारत भी शामिल था। ट्रंप ने इस फैसले का विरोध करने वाले देशों को आर्थिक मदद में कटौती करने की धमकी दी थी। वहीं, मोराल्स ने पिछले साल दिसंबर में कहा था कि वह इस कदम को उठाने जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि उन्होंने इस्राइल के प्रधानमंत्री बेंजमिन नेतन्याहू से बात की थी और उनके विदेश मंत्रालय से इसे संभव बनाने के लिए प्रक्रिया आरंभ करने का निर्देश दिया था। मोराल्स ने ट्रंप के फैसले को साहसी करार दिया था।