न्यूयोर्क: अमेरिका के सिक्यॉरिटी ऑफ स्टेट माइक पोम्पिओ ने आज भारतीय विदेश मंत्री ने बातचीत की। इस बातचीत के बाद उन्होनें कहा कि भारतीय विदेश मंत्री एस जयशंकर के साथ अमेरिका-भारत संबंध और कोविड-19 का साथ में मुकाबला करने के हमारे काम के बारे में शानदार बात हुई। पोम्पिओ ने कहा कि हम अफगानिस्तान में शांति और सुरक्षित और हिंद महासागर की संप्रभुता को आगे बढ़ाने के लिए एकजुट हैं, जिसमें सभी देश समृद्ध हो सकते हैं।
चीन कोविड-19 के दौरान चीन ‘और अधिक आक्रामक’ बन गया, एलएसी पर तैनात की सेना: एस्पर
इससे पहले अमेरिका के रक्षा मंत्री मार्क एस्पर ने बुधवार को कहा था कि दुनिया ने देखा कि कोविड-19 वैश्विक महामारी के दौरान चीन ‘‘और अधिक आक्रामक’’ बन गया। उन्होंने कहा कि चीन ने भारत के साथ लगने वाली वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर सैनिकों को तैनात किया है और वह जिस तरीके से व्यवहार कर रहा है, वह अंतरराष्ट्रीय नियमों के अनुरूप नहीं है। एस्पर ने कहा कि बीजिंग कोरोना वायरस त्रासदी का इस्तेमाल कर रहा है। उन्होंने बुधवार को कहा, ‘‘कोविड-19 संकट के दौरान पिछले सात महीनों में हमने देखा कि चीन और अधिक आक्रामक हो गया है।’’
एस्पर ने कहा कि चीन अपने फायदे के लिए इस त्रासदी का इस्तेमाल करने की कोशिश कर रहा है। उन्होंने कहा, ‘‘चीन ने सच में बढ़-चढ़कर डींगें मारी है और हमने उन्हें दक्षिण चीन सागर में लगातार बलप्रयोग करते हुए देखा है।’’ बीजिंग दक्षिण चीन सागर के करीब 13 लाख वर्ग मील के हिस्से पर अपना दावा जताता है। चीन क्षेत्र में कृत्रिम द्वीपों पर सैन्य अड्डे बना रहा है।
इस क्षेत्र पर ब्रुनेई, मलेशिया, फिलीपीन, ताइवान और वियतनाम भी अपना दावा जताते हैं। एक सवाल के जवाब में एस्पर ने कहा कि चीन ने कुछ महीनों पहले वियतनाम की मछली पकड़ने की एक नौका को डुबो दिया था।
उन्होंने कहा, ‘‘उन्होंने भारत में वास्तविक नियंत्रण रेखा पर सैनिकों को तैनात कर दिया। हमने उन्हें अंतरराष्ट्रीय नियमों के असंगत व्यवहार करते हुए देखा और हमारे कई सहयोगी एवं साझेदार अच्छी तरह से प्रतिक्रिया दे रहे हैं।’’
पूर्वी लद्दाख में भारत और चीन के बीच चल रहे गतिरोध के बीच उन्होंने यह टिप्पणी की है। रक्षा मंत्री ने हुवावे को बाहर का रास्ता दिखाने के लिए ऑस्ट्रेलिया तथा ब्रिटेन की तारीफ की। उन्होंने कहा कि चीनी आक्रामकता से निपटने का सबसे अच्छा तरीका उसके खिलाफ बहुपक्षीय प्रयासों को बढ़ावा देना है। उन्होंने कहा कि चीन द्वारा पैदा खतरा क्षेत्रीय नहीं, बल्कि वैश्विक है।