वाशिंग्टन: हाल ही में अमेरिका के एक दंपति को अपनी बेटी का नाम अल्लाह रखने से मना कर दिया गया। कंपत्ति ने स मामले के खिलाफ केस दर्ज कराया है। मामला उस समय का है जब अमेरिका में रहने वाले एलिजाबेथ हैंडी और बिलाल वाक को जन स्वास्थ्य विभाग ने अपनी 22 महीने की बेटी का जन्म प्रमाण पत्र देने से इंकार कर दिया था। दंपति का कहना है कि वह अपनी बेटी को बिना नाम के नहीं रखना मंजूर नहीं है।
दूसरी ओर अधिकारियों का कहना है कि बच्ची का नाम माता पिता के नाम पर या दोनों के नाम का मिलाजुला शब्द होना जरूरी है। अधिकारियों का यह भी कहना है कि अल्लाह अरबी भाषा का शब्द है। इसका मतलब भगवान या खुदा होता है। जार्जिया के नागरिक अधिकार संगठन 'दी अमरीकी सिविल लिबर्टी यूनियन' ने दंपति के कहने पर फ़ुल्टन काउंटी सुपीरियर कोर्ट में मुक़दमा दायर किया है।
अटलांटा जर्नल कांस्टीट्यूसन पत्रिका से बात करते हुए बच्ची के पिता का कहना है कि वह घर पर उसे अल्लाह कहकर बुलाते हैं। उनका कहना है कि अधिकारियों की यह कार्रवाई बिल्कुल गलत हैं और यह हमारे अधिकारों का हनन है। वहीं दूसरी ओर जन स्वास्थ्य विभाग के वकीलों का कहना है कि जार्जिया के नियमों के मुताबिक बच्चे का सरनेम या तो उसके पिता पर होना चाहिए या माता के नाम पर। अधिकारियों का कहना है कि बच्ची का सरनेम कोर्ट में एक याचिका दाखिल करके बदला जा सकता है। लेकिन इसके लिए जरूरी है कि माता-पिता के पास जन्म से संबंधित सभी चीजें हो।