वाशिंगटन: वैज्ञानिकों ने समलैंगिक पुरुषों और विषमलैंगिक पुरुषों के संपूर्ण डीएनए कोड का विश्लेषण कर वंशाणुओं (जीन) के उन रूपभेदों (वैरिएंट) का पता लगा लिया है जिन का रिश्ता समलैंगिकता से है। उन्होंने पाया कि समलैंगिक और सामान्य पुरुषों के दो वंशाणु - एसएलआईटीआरके5 और एसएलआईटीआरके6 के आस-पास डीएनए अलग-अलग थे। इस अध्ययन में एक हजार समलैंगिक पुरुषों के समस्त जिनोम पर नजर डाली गई और उसकी तुलना 1,231 सामान्य पुरुषों के आनुवंशिक डेटा से की गई। (EU अध्यक्ष ने दी चेतावनी, ब्रेक्जिट के बाद भी आएगी कई मुश्किलें )
एसएलआईटीआरके6 मस्तिष्क के विकास के लिए एक महत्वपूर्ण वंशाणु है और यह दिमाग के हाइपोथेलेमस वाले हिस्से में सक्रिय रहता है। हाइपोथेलेमस उन होर्मोन को पैदा करने में अत्यंत महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाता है जिनका संबंध यौन प्रवृत्ति को नियंत्रित करने से होता है। पूर्व में हुए अध्ययनों में बताया गया कि समलैंगिक पुरुषों में इसके कुछ हिस्से 34 प्रतिशत तक ज्यादा बड़े होते हैं।
अमेरिका की नॉर्थ शोर यूनिवर्सिटी हेल्थ सिस्टम (एनएसयूएचएस) के एलेन सैंडर्स ने कहा, “इस अध्ययन का मकसद पुरुष लैंगिकता के आधार का पता लगाना था जिससे इसके पीछे की जैविक प्रक्रियाओं की जानकारी बढ़ाई जा सके।” यह अध्ययन ‘साइंटिफिक रिपोर्ट्स’ पत्रिका में प्रकाशित हुआ है।